सायली विधा में रचना – मधुमिता घोष
सायली विधा में रचना – मधुमिता घोष बचपनबीत गयाआई है जवानीउम्मीदें बढ़ीसबकी. चलोउम्मीदों केपंख लगा करछू लेंआसमाँ. आँखेंभीगी आजयादों में तेरीखो गयेसपने. सपनेखो गयेइन आँखों केबिखर गईआशायें. मधुमिता घोष “प्रिणा”
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ० मधुमिता घोष प्रिणा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
सायली विधा में रचना – मधुमिता घोष बचपनबीत गयाआई है जवानीउम्मीदें बढ़ीसबकी. चलोउम्मीदों केपंख लगा करछू लेंआसमाँ. आँखेंभीगी आजयादों में तेरीखो गयेसपने. सपनेखो गयेइन आँखों केबिखर गईआशायें. मधुमिता घोष “प्रिणा”
स्त्री पर कविता ( Stree Par Kavita ): चैत्र नवरात्रि हिन्दु धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र नवरात्रि चैत्र (मार्च अप्रेल के महीने) में मनाई जाती है, इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। चूकी दुर्गा माँ भी एक स्त्री है तो नारी शक्ति पर एक कविता नारी पर सुन्दर कविता आँखों … Read more
कैसे जीना भा गया दिल में जब तेरा खयाल आता है,बस एक ही सवाल आता है,न तुम्हें सोच पाती हूँ,और न लिख पाती हूँ,तुम्हारी यादें अब भी आती हैं,दर्द के लहरों से टकरा लौट जाती हैं,महसूस करना चाहता है तुम्हें दिल,पर पहले ही तड़प उठता है,उस दर्द की सिहरन से,जिसे दिल ने महसूस किया है,काश … Read more