दान पर दोहे / डॉ एनके सेठी

doha sangrah

दान पर दोहे देवें दान सुपात्र को,यही न्याय अरु धर्म।तज दें मन से मोह को,सत्य यही है कर्म।।1।। न्याय दानऔर धर्म का,अब हो रहाअभाव।आज जगत से मिट रहा,आपस का सद्भाव।।2।। सत् का जीवन में कभी, होता नहींअभाव।होता है जो भी असत,रहे न उसका भाव।।3।। करता जो भी दान है, वह पाता सम्मान।अनासक्ति के भाव का, … Read more

राम अयोध्या आते है /डॉ एन के सेठी

Jai Sri Ram kavitabahar

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया। राम अयोध्या आते है /डॉ एन के सेठी पूरा कर वनवास सिय संग,राम अयोध्या आते है।भ्राता लखन … Read more

बदलते परिवेश पर कविता

बदलते परिवेश पर कविता बदल रहा है आज जमाना डॉ एनके सेठी द्वारा रचित बदलते परिवेश पर कविता है। आज समय के साथ साथ रिश्तों की परिभाषा बदल चुकी है। बदल रहा है आज जमाना भौतिकता के नए दौर मेंबदल गया सब ताना बाना।रिश्तों की मर्यादा टूटीबदल रहा है आज जमाना।। चौपालें सूनी हैं सारीसंस्कारों … Read more

परीक्षा पर कविता (poem on exam in hindi)

exam time

यहाँ पर परीक्षा पर कविता (poem on exam in hindi) का संकलन किया है जहाँ पर कवि यह बताने की कोशिश की हैं कि इस जीवन में हर रोज परीक्षा होती है. हर रोज परीक्षा होती है जीवन है संघर्ष सदा हीहर दिन ही एक चुनौती है।कदम कदम अवरोध यहाँ हैहर रोज परीक्षा होती है।। … Read more

लगी आग सरहद पर,कैसे राग बसंती गाऊँ मैं

सीमा रक्षा करते,उनको झुककर शीश नवाऊँ। लगी आग सरहद पर,कैसे राग बसंती गाऊँ। जान हथेली पर रख, सैनिक सीमा पर डटे हुए। मातृ भूमि रक्षा में,वो सब अपनों से दूर हुए।। मेरी भी इच्छा है,दुश्मन से मैं भी लड़ जाऊँ। लगी आग सरहद पर,कैसे राग बसंती गाऊँ।। फड़के आज भुजाए, नहीं बसंती रंग सुहाता। मां … Read more