दान पर दोहे / डॉ एनके सेठी
दान पर दोहे देवें दान सुपात्र को,यही न्याय अरु धर्म।तज दें मन से मोह को,सत्य यही है कर्म।।1।। न्याय दानऔर धर्म का,अब हो रहाअभाव।आज जगत से मिट रहा,आपस का सद्भाव।।2।। सत् का जीवन में कभी, होता नहींअभाव।होता है जो भी असत,रहे न उसका भाव।।3।। करता जो भी दान है, वह पाता सम्मान।अनासक्ति के भाव का, … Read more