8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कविता

Women_Empowerment

1857 में 8 मार्च को न्यूयॉर्क में कपड़ा मिलों की कामकाजी महिलाओं ने अधिक वेतन व काम के घण्टे 15-16 से घटाकर 10 घण्टे करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। चुकीं यह विश्व की महिलाओं का यह प्रथम प्रदर्शन था, इस लिए इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रुक में मनाया जाता है … Read more

महिला दिवस पर कविता

बेखबर स्त्रियां स्त्रियों के सौंदर्य काअलंकृत भाषा मेंनख से शिख तक मांसल चित्रण किए गएश्रृंगार रस में डूबेसौंदर्य प्रेमी पुरुषों ने जोर-जोर से तालियां बजाईमगर तालियों की अनुगूंज मेंस्त्रियों की चित्कारकभी नहीं सुनी गईं कविताओं में स्त्रियांखूब पढ़ी गई और खूब सुनी गईमगर आदि काल से अब तककविताओं से बाहरयथार्थ के धरातल परस्त्रियां ना तो … Read more

नारी रत्न अमूल्य धरा पर(चौपाई छंद)

नारी रत्न अमूल्य धरा पर (चौपाई छंद) नारी रत्न अमूल्य धरा पर।ईश्वर रूप सकल सचराचर।।राम कृष्ण जन्माने वाली।सृष्टि धर्म की सत प्रतिपाली।।१.बेटी बहिन मात अरु दारा।हर प्रतिरूप मनुज उद्धारा।।नारी जग परहित तन धारी।सुख दुख पीड़ा सहे दुधारी।।२.द्वय घर की सब जिम्मेदारी।बिटिया वहन करे वह सारी।।पढ़ी लिखी जब होती नारी।दो दो घर बनते संस्कारी।।३.शान मान अरमान … Read more

छत्तीसगढ़ी कविता – तरिया घाट के गोठ

( यह कविता कुछ ग्रामीण महिलाओं के स्वभाव को दर्शाती है जहाँ उनकी दिखावटीपन, आभूषण प्रियता, बातूनीपन  और  कुछ अनछुए पहलू को बताने की कोशिश की गई है ।)

शहर शहर निर्भया

यह रचना हाथरस में हुई घटना पर तथा लचीली व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है!