Sign in
Sign in
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.
Browsing Category
विविध छंदबद्ध काव्य
छंद में प्रयुक्त अक्षरों की संख्या एवं क्रम, मात्रा-गणना होती है. इसके अलावा, यति-गति से सम्बद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्य रचना ‘’छन्द’’ कहलाती है। छंद शब्द के मूल में गति का भाव है।
The number and order of the letters used in the verse is a quantity-calculation. In addition, the verse formulation employed by specific rules related to the Yeti-motion is called “Chhand”. At the root of the word stanza is the sense of motion.
बेटी पर कविता / लक्ष्मीकान्त ‘रुद्रायुष’
बेटी पर कविता / लक्ष्मीकान्त 'रुद्रायुष'सुख औ समृद्धि कारी,होती फिर भी बेचारी,क्यों ना जग को ये…
सावन पर कुंडलियाँ छंद -डॉ एन के सेठी
सावन विषय पर आधारित कुंडलिया
में रचित डॉ एन के सेठी की रचना
गुरु पच्चीसी
भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा…
वर्षा ऋतु (मनहरण घनाक्षरी) -सुश्री गीता उपाध्याय
विषय :- वर्षा ऋतु
विधा:-मनहरण घनाक्षरी
------------------------------------------------------------
सजल सघन बन,…
व्यर्थ न बैठो काम करो तुम- डॉ एन के सेठी
विषय-मेहनत
विधा-सार छन्द🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏व्यर्थ न बैठो काम करो तुम
मेहनत से न भागो।
आलस छोड़ो करो परिश्रम
सभी…
दोहे करते बात – बाबू लाल शर्मा
मानव,परिवार,देश,धर्म,समाज,रानीति एवं विविध वैश्विक पहलुओं, व समस्याओं पर आधारित दोहे
नारी पर दोहे- डिजेन्द्र कुर्रे”कोहिनूर”
नारी पर दोहे★★★★नारी की यशगान हो ,नारी की ही रूप ।नारी के सहयोग से,मिलते लक्ष्य अनुप।।नारी बिन कब पूर्ण…
पर्यावरण दिवस पर चौपाई बलबीर सिंह वर्मा ‘वागीश’
पर्यावरण दिवस पर चौपाईबच्चे - बूढ़े सुन लो भाई,पेड़ों की मत करो कटाई।वृक्षों से मिलती है छाया,गर्मी…