शिक्षक दिवस पर कविता

शिक्षक दिवस पर कविता शिक्षक से है ज्ञान प्रकाश ।शिक्षक  से बंधती है आस।शिक्षक में करुणा का वास।जिनके कृपा से चमके अपना ताज।चलो मनाएं , शिक्षक दिवस आज। शिक्षक दिलाते हैं पहचान ।शिक्षक से ही बनते  महान ।शिक्षक होते गुणों की खान।निभायेंगे हम ये सम्मान का रिवाज।चलो मनाएं , शिक्षक दिवस आज। जग में सुंदर,  … Read more

9 नवम्बर राष्ट्रीय क़ानूनी साक्षरता दिवस पर कविता

9 नवम्बर राष्ट्रीय क़ानूनी साक्षरता दिवस अन्याय जब हद से बढ़ जाए ,बेईमानी सर पे चढ़ जाए ।समाज में निज मान पाने कोजो अपने हक पे लड़ जाए ।आज है जिसकी आवश्यकता ,वो है, वो है कानूनी साक्षरता ।।न्याय सभी के लिए, चाहे अज्ञानी निर्धन ।बिन इसके कैसे ? हो सुरक्षित जनजीवन ।सही न्याय मिले,शीघ्र … Read more

16 सितंबर विश्व ओजोन दिन विशेष

16 सितंबर विश्व ओजोन दिन विशेष सूरज है आग का गोला ।जलता है ,बनकर शोला । किरणों में है ,पराबैंगनी ।सबके लिए ,घातक बनी। धन्यभाग, हम मानव का।जो कवच है इस धरा का। ओज़ोनपरत वो कहलाए।घातक किरणें आ ना पाए। आज छेद होने का है डर ।भोग विलास का है असर । एसी फ्रिज उर्वरक … Read more

वीरांगना बिलासा बाई वीरगाथा पर दोहे

(वीरांगना बिलासा बाई निषाद की वीर गाथा,जिसके नाम से छ.ग. के सुप्रसिद्ध शहर-बिलासपुर का नाम पड़ा)(जनश्रुति के अनुसार) वीरांगना बिलासा बाई वीरगाथा पर दोहे बहुत समय की बात है,वही रतनपुर राज।जहाँ बसे नर नारि वो,करते सुन्दर काज।।1।।केंवट लगरा गाँव के,कुशल परिश्रमदार।कर आखेटन मत्स्य का,पालत स्व परिवार।।2।।तट देखन अरपा नदी,इक दिन पत्नी साथ।पत्नी बैसाखा कही,लिए हाथ … Read more

कब्र की ओर बढ़ते कदम -रमेशकुमार सोनी

कब्र की ओर बढ़ते कदम पतझड़ में सूखे पत्ते विदा हो रहे हैंविदा ले रहे हैं, खाँसती आवाज़ें ज़माने सेकुछ पल जी लेने की खुशी सेवृद्धों का झुंड टहलने निकल पड़ा हैदड़बों से पार्क की उदास बेंच की ओरउनकी धीमी चाल और छड़ी से चरमराते पत्ते सिसक पड़े हैं।बेंच पर बैठे हैं कुछ ठूँठ से … Read more