संस्कार नही मिलता दुकानों में-परमानंद निषाद “प्रिय”
संस्कार नही मिलता दुकानों में – परमानंद निषाद “प्रिय” माता-पिता से मिले उपहार।हिंद देश का है यह संस्कार।बुजुर्गो का दर्द समझते नहींनहीं जानते संस्कृति- संस्कार। संस्कार दिये नहीं जाते है।समाज के भ्रष्टाचारों से।संस्कार हमको मिलता है।माता-पिता,घर-परिवार से। बुजुर्गो का सम्मान धर्म हमारा।उनकी सेवा करना कर्म हमारा।संस्कार नही मिलता दुकानों मेंयह मिलता अच्छे संस्कारों में। बुजुर्गो … Read more