पृथ्वी दिवस: धरती हमारी माँ

पृथ्वी दिवस: धरती हमारी माँ हमको दुलारती हैधरती हमारी माँ।आँचल पसारती हैधरती हमारी माँ। बचपन मे मिट्टी खायीफिर हम बड़े हुए।जब पाँव इसने थामातब हम खड़े हुए।ममता ही वारती हैधरती हमारी माँ।हमको दुलारती हैधरती हमारी माँ। तितली के पीछे भागेकलियाँ चुने भी हम।गोदी में इसकी खेले,दौड़े,गिरे भी हम।भूलें सुधारती हैधरती हमारी माँ।हमको दुलारती हैधरती हमारी … Read more

युवा वर्ग आगे बढ़ें

स्वामी विवेकानंद

युवा वर्ग आगे बढ़ें छन्द – मनहरण घनाक्षरी युवा वर्ग आगे बढ़ें,उन्नति की सीढ़ी चढ़ें,नूतन समाज गढ़ें,एकता बनाइये। नूतन विचार लिए,कर्तव्यों का भार लिए,श्रम अंगीकार किए,कदम बढ़ाइए। आँधियाँ हैं सीमा पार,काँधे पे है देश भार,राष्ट्र का करें उद्धार,वक्त पहचानिए। बहकावे में न आयें,शिक्षा श्रम अपनायें,राष्ट्र संपत्ति बचायें,आग न लगाइए। ✍सुश्री गीता उपाध्याय रायगढ़ (छत्तीसगढ़)

छतीसगढ़ दाई

छतीसगढ़ दाई चंदन समान माटीनदिया पहाड़ घाटीछतीसगढ़ दाई। लहर- लहर खेतीहरियर हीरा मोतीजिहाँ बाजे रांपा-गैंतीगावै गीत भौजाई। भोजली सुआ के गीतपांयरी चूरी संगीतसरस हे मनमीतसबो ल हे सुहाई। नांगमोरी,कंठा, ढारकरधन, कलदारपैंरी,बहुँटा श्रृंगारपहिरे बूढ़ीदाई । हरेली हे, तीजा ,पोराठेठरी खुरमी बरानांगपुरी रे लुगरापहिरें दाई-माई। नांगर के होवै बेराखाये अंगाकर मुर्राखेते माँ डारि के डेराअर तत कहाई। … Read more

हिन्दी कुण्डलियाँ: ऊर्जा संरक्षण

हिन्दी कुण्डलियाँ: ऊर्जा संरक्षण (1)ऊर्जा सदा बचाइये,सीमित यह भंडार।धरती का वरदान है,जग विकासआधार। जग विकास आधार ,समझ कर इसे खरचना।बढ़े नहीं यह और ,सोचकर सभी बरतना। गीता सुन यह बात,चले सब दिन कल-पुर्जा।होगा संभव तभी,रहे जब रक्षित ऊर्जा।। (2)सूरज ऊर्जा पुंज है,इसका हो उपभोग।ऊर्जा संरक्षण करें,ले इसका सहयोग।। ले इसका सहयोग,चलायें सब कल पुर्जे।बचें गैस … Read more

ऐसे में तू जरा हमसे नजर तो मिला

ऐसे में तू जरा हमसे नजर तो मिला आसमां है खुला, समां भी है खिला। ऐसे में तू जरा, हमसे नजर तो मिला।। चाहत से मेरे ये, शाम हुई है रंगीला। ऐसे में तू जरा, हमसे नजर तो मिला ।। मदहोशी छाई है , तनहाई गाई है ।मैं खो गया था, अब तुमने पाई है।अब … Read more