तीजा पोरा के दिन आगे

छत्तीसगाढ़ी रचना

तीजा पोरा के दिन आगे तीजा पोरा के दिन आगे चलो मइके दुआरी माउहाँ दाई डहर देखे अपन चढ़के अटारी मा । गुड़ी मा बैठ के रद्दा निहारत हे बिहनिया लेलगे होही मया मारे सियनहा संग चारी मा । मया सुतरी ह लामे हे बिताए जम्मो घर डेराखुशी के दिन जहुँरिया के लेहे आही सवारी … Read more

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पोरा तिहार

छत्तीसगाढ़ी रचना

पोरा तिहार छत्तीसगढ़ के परब आगे,हिरदे मा ख़ुशी छा गे गा।माटी के बइला ला भरले,पोरा तिहार मना ले गा।काठा भर पिसान सान ले,ठेठरी खुरमी बना ले गा।पोरा तिहार के परम्परा ला,संगे- संग निभाले गा।मोटरा बांध के ठेठरी खुरमी,बहिनी घर अमराबे गा,किसिम किसिम लम्हरी बोदकु,ठेठरी सबला खवाबे गा।सगा सोदर गांव समाज मा,सुनता ल् बगराबे गा,छत्तीसगढ़िया के … Read more

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विनोद सिल्ला की कविता

कविता संग्रह

भाईचारा पर कविता मैंने मना कर दिया मैंने भाईचारानिभाने सेमना कर दिया थी उनकी मनसामैं उनकोभाई बनाऊंवे मुझको चारा । -विनोद सिल्ला मेरा कुसूर मैं था कठघरे मेंदागे सवालउठाई उंगलीलगाए आक्षेपनिकाली गलतियाँनिकम्मों ने मेरा कुसूर था किमैंने काम किया । -विनोद सिल्ला

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भ्रमर दोहे – बाबूराम सिंह

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भ्रमर दोहे आगे-आगे जा करे,जो सुधैर्य से काम।बाढे़ चारो ओर से , ढे़रों नेकी नाम।। प्यासेको पानी पिला,भूखेको दोभीख।वेदों शास्त्रोंका यहीं,लाखों में है सीख।। जाने माने लोग भी ,हो जाते हैं फेल।पूर्ण यहाँ कोई नहीं,माया का है खेल।। गाये धाये नेक पै ,पाये प्यारा नाम।छाये भोले भाव पै,भाये साँचा काम।। जाना है जागो मना,अंतः आँखे … Read more

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प्रेम के गीत – बाबूलाल शर्मा विज्ञ

कविता संग्रह

प्रेम के गीत – बाबूलाल शर्मा लिखे प्रेम के गीत सुहाने।रीति सनातन मीत निभाने।।‘विज्ञ’ बने मन मीत हमारे।प्रीति निभे सद्भभाव विचारे।।१ कर मात्रा का ज्ञान रचें कवि।‘विज्ञ’ सृजन करते देखे रवि।।हो स्थायी लय तान सुहानी।सम तुकांत लेते कवि ज्ञानी।। २ लिखें अंतरे मनहर प्यारे।समतुकांत रखिए कवि न्यारे।।‘विज्ञ’ शब्द मन रंग अनोखे।लिखें विषय सम्बंधित चोखे।।३ लिखिए … Read more

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परोपकार की देवी मदर टेरेसा पर कविता

कविता संग्रह

मदर टेरेसा पर कविता : मदर टेरेसा (26 अगस्त 1910 – ५ सितम्बर 1997) जिन्हें रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से नवाज़ा गया है, का जन्म आन्येज़े गोंजा बोयाजियू के नाम से एक अल्बेनीयाई परिवार में उस्कुब, उस्मान साम्राज्य में हुआ था। मदर टेरसा रोमन कैथोलिक नन थीं, जिन्होंने 1948 … Read more

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लालसा पर कविता

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लालसा पर कविता लालसा न चाह का है ,जीवन में कुछ पाने कोलालसा न बड़ा बनू, न बहुत कुछ कर जाने कोछीन कर खुशियां किसी की, रोटियां दो वक्त कीमैं चलूं तारों को लाने,छोड़ इन्हें मर जाने को धिक्कार है जीवन को ऐसे,धिक्कारता हूं लोग कोजो अपनी ही खुशियों के खातिर,तैयार हैं मर जाने कोचाहता … Read more

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ऐसो के भादों अंधियारी म पोला मनाबो

छत्तीसगाढ़ी रचना

ऐसो के भादों अंधियारी म पोला मनाबो गीतकार: मनीभाई नवरत्न बैंइला के सींग म, बैईला के खूर म तेल लगाबो । फेर वोला नवा झालर ओढ़ाबो ।ऐसो के भादों अंधियारी म पोला मनाबो। भोला के बैइला के बंदन करले ।जाता म चूल्हा म चंदन रंग ले ।ओमा ठेठरी खुरमी के भोग लगा ले । चलव … Read more

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दूजराम साहू के छत्तीसगढ़ी कविता

छत्तीसगाढ़ी रचना

दूजराम साहू के छत्तीसगढ़ी कविता मोर गांव मे नवा बिहान झिटका कुरिया अब नंदावत हे,सब पक्की मकान बनावत हे ,खोर गली  सी सी अभियान आगे ,अब मोर गांव मे  नवा बिहान आगे।खाए बर अन ,तन बर कपड़ा ,खाए  पीये के अब नईहे लफड़ा ,रोजी मजूरी बर रोजगार गारेंटी अभियान आगे ,अब मोर  गांव मे नवा … Read more

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गगन उपाध्याय नैना की रचनाएँ

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गगन उपाध्याय नैना की रचनाएँ : यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। माँ वर्णन जो गाये लिखते लिखते मेरी लेखनी                अकस्मात रूक जायें।कोई शब्द नहीं … Read more

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