कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

शोकहर/सुभांगी छंद में कविता

शोकहर/सुभांगी छंद में कविता ~ *शोकहर/सुभांगी छंद* ~ *विधान- 8,8,8,6* *तुकांत- पहली दूसरी यति अंत तुकांत* *चरण- चार चरण सम तुकांत* नंद दुलारे जन जन प्यारे, हे गोपाला, ध्यान धरो। हे कमलनयन हे मनमोहन नाथ द्वारिका कृपा करो। अजया अच्युत…

किसे पता है कल क्या होगा – बाबूराम सिंह

किसे पता है कल क्या होगा निज स्वार्थ में बल क्या होगा?कभी किसीका भल क्या होगा?वर्तमान का सदुपयोग कर- आज नहीं तो कल क्या होगा? एकता बिन मनोबल क्या होगा?साहस बिन सम्बल क्या होगा?पीर पराई बिन दुनीयां में-सोचो अश्रु जल…

मातृ दिवस पर हिंदी कविता (Martee Divas Par Kavita )

मातृ दिवस पर हिंदी कविता (Martee Divas Par Kavita) : मातृपितृ पूजा दिवस भारत देश त्योहारों का देश है भारत में गणेश उत्सव, होली, दिवाली, दशहरा, जन्माष्टमी, नवदुर्गा त्योहार मनाये जाते हैं। कुछ वर्षों पूर्व मातृ पितृ पूजा दिवस प्रकाश में आया। आज…

कृष्ण कन्हैया – डॉ एन के सेठी

कृष्ण कन्हैया आए हैं कृष्ण कन्हैयाहर्षित हैं बाबा मैयाधूम मची चहुँ ओरखुशियां मनाइए।। आए है तारणहारहोगा दुर्जन संहारस्वागत करें मिलकेघर में बुलाइए।। बादल बरस रहेकालिंदी भी खूब बहेआए हैं दुख मिटानेगुणगान गाइए।। हुई ब्रजभूमि धन्यउनसा न कोई अन्यसौम्य सुंदर रूप…

जन्माष्टमी पर दोहे -मदन सिंह शेखावत

goverdhan shri krishna

जन्माष्टमी पर दोहे भादौ मास अष्ठम तिथि , प्रकटे कृष्ण मुरार।प्रहरी सब अचेत हुए , जेल गये खुल द्वार।।1 जमुना जी उफान करे, पैर छुआ कर शान्त।वासुदेव धर टोकरी , नन्द राज के कान्त।।2 कंस बङा व्याकुल हुआ,ढूढे अष्ठम बाल।नगर…