सादा जीवन की अभिलाषा
सादा जीवन की अभिलाषा संयम के संग जीना चाहा,सँकल्प किया था मैने भी!सादा जीवन की अभिलाषा,कभी पाली थी मैने भी! जीवन रथ की चाल बैढँगी,कठिन डगर पर चला गया!मन के मेरे सब वादों को,पल पल मितवा छला गया!रिश्ते नातों की…
सादा जीवन की अभिलाषा संयम के संग जीना चाहा,सँकल्प किया था मैने भी!सादा जीवन की अभिलाषा,कभी पाली थी मैने भी! जीवन रथ की चाल बैढँगी,कठिन डगर पर चला गया!मन के मेरे सब वादों को,पल पल मितवा छला गया!रिश्ते नातों की…
भारत मां के सपूत (1)तिलक लगाकर चल, भाल सजाकर चल।माटी मेरे देश की, कफ़न लगाकर चल।देश में वीर योद्धा जन्मे, मच गई खलबल।भारत मां के सपूत है ,आगे चल आगे चल। (2)भगत ,चंद्रशेखर, सुखदेव थे क्रांतिकारी दल।अंग्रेजो के नाक में…
वन्दे मातरम् गाऊँगा बापू जी के चरखे को,मैं भी खूब घुमाऊँगा।सत्य-अहिंसा की बातें,सबको रोज सुनाऊँगा।। चाचा जी के लाल ग़ुलाब,बाग़-बगीचे में लगाउँगा।शीश झुकाकर चरणों में,लाल ग़ुलाब चढ़ाऊँगा।। पर्वत-घाटी ऊँचा चढ़कर,तिरंगा ध्वज फहराउंगा।चाहे दुनिया जो भी करले, वन्देमातरम् गाऊँगा।। ||स्वरचित||उमेश…
बापू पर कविता भारत ने थी पहन ली, गुलामियत जंजीर।थी अंग्रेज़ी क्रूरता, मरे वतन के वीर।। काले पानी की सजा, फाँसी हाँसी खेल।गोली गाली बरसते, भर देते थे जेल।। याद करे जब देश वह, जलियाँवाला बाग।कायर डायर क्रूर ने, खेला …
वाणी वन्दना निर्मल करके तन_ मन सारा, सकल विकार मिटा दो माँ, बुरा न कहे माँ किसी को भी विनय यह स्वीकारो माँ। अन्दर ऐसी ज्योति जगाओ हर जन का उपकार करें, मुझसे यदि त्रुटि कुछ हो जाय उनसे…