by कविता बहार | Nov 4, 2023 | हिंदी कविता
कविता/निमाई प्रधान’क्षितिज’ इन गुलमोहरों को देखकर दिल के तहखाने में बंद कुछ ख़्वाहिशें…आज क्यों अचानक बुदबुदा रही हैं?महानदी की… इन लहरों को देखकर!! कि ननिहाल याद आता है..इन गुलमोहरों को देखकर!! शाही अपना भी रूतबा थामामाजी के गाँव में!!बचपन में... by कविता बहार | Nov 4, 2023 | हिंदी कविता
थके पंछी थके पंछी आजफिर तूँ उड़ने की धारले,मुक्त गगन है सामनेतूँ अपने पंख पसारले। देख नभ में, नव अरुणोदयहुआ प्रसूनों का भाग्योदय,सृष्टि का नित नूतन वैभवसाथियों का सुन कलरवअब हौंसला संभाल ले । शीतल समीर बह रहासंग-संग चलने की कह रहा,तरु शिखा पर झूमतेफल फूल पल्लव... by कविता बहार | Nov 4, 2023 | विविध छंदबद्ध काव्य, हिंदी कविता
भ्रूणहत्या-कुण्डलिया छंद साधे बेटी मौन को, करती एक गुहार।जीवन को क्यों छीनते ,मेरे सरजनहार।मेरे सरजनहार,बतायें गलती मेरी।कहँ भू पर गोविंद , करे जो रक्षा मेरी।”कुसुम”कहे समझाय , पाप जीवन भर काँधे। ढोवोगे दिन रैन ,दुःख यह... by कविता बहार | Nov 4, 2023 | हिंदी कविता
पथ की दीप बनूँगी प्रिय तुम न होना उदास तेरे पथ की दीप बनूँगी ।फूल बिछा कर पग पर तेरे काँटे सदा वरण करूँ गी ।।तेरे पथ की दीप बनूँगी। ना मन हो विकल न उथल पुथल ।मनों भाव अर्पित कर अधर की मुस्कान बनूँगी । तेरे पथ की दीप बनूँगी। जिन्दगी में कभी गम... by कविता बहार | Nov 4, 2023 | हिंदी कविता
भावी पीढ़ी का आगामी भविष्य हमें सोचना तो पड़ेगा।परिवार की परंपरासमाज की संस्कृतिमान्यताओं का दर्शनव्यवहारिक कुशलताआदर्शों की स्थापना।निरुद्देश्य तो नहीं!महती भूमिका है इनकीसुन्दर,संतुलित और सफल जीवन जीने में। जो बढता निरंतरप्रगति की ओरदेता स्वस्थ शरीर ,सफल जीवन और...