
भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं
भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं मिलकर आओ जग में हम सब, भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं।….माँ भारती के सब भारतवासी , सदा सदा गुण गाते हैं।।जब आजादी की अलख जगी, वीरों ने प्राण गवाये थे।यह मातृभूमि की रक्षा को, वे…
भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं मिलकर आओ जग में हम सब, भारत को श्रेष्ठ बनाते हैं।….माँ भारती के सब भारतवासी , सदा सदा गुण गाते हैं।।जब आजादी की अलख जगी, वीरों ने प्राण गवाये थे।यह मातृभूमि की रक्षा को, वे…
आजादी की लड़ाई में विशेष महिलाओं की भूमिका बताती हुई ये कविता
चंदा मामा दूर हैं चंदा मामा दूर हैं , पर हम तो मजबूर है। कैसे आए पास में, हम लगे हैं यह ही प्रयास में हम जब भी आगे बढ़ते हैं,तुम आगे बढ़ जाते हो।रुककर देखें जब भी तुमको,तुम ऊपर चढ़ जाते हो।कभी…
मौत पर कविता जिस दिन पैदा हुआउसी दिनलिख दिया गया थातेरे माथे पर मेरा नाम ।दिन, तिथि ,जगह सब तय थाउसी दिन।हर कदम बढ़ रहा था तेरामेरी तरफ।पल पल ,हर पल ।।तेरी निश्छल हँसीतेरा प्यारा बचपन देखकरतरस आता था मगरसत्य…
तुमने पत्थर जो मारा चलो तुमने पत्थर जो मारा वो ठीक था।पर लहर जो क्षरण करती उसका क्या? पीर छूपाये फिरता है खलल बनकर तू,विराने में आह्ह गुनगुनाये उसका क्या? बेकार…कहना था तो नज़र ताने क्यों?गौर मुझ पे टकटकी लगाए…
वतन को नमन करता हूँ भारत माँ की चरण धूलि,चंदन माथे धरता हूँ ।सपूत हूँ नाम वतन के ,जीवन अर्पण करता हूँ । बहता शोणित यूँ रगों में,जलते अंगारों सासिंधु प्रलय सा उठती लहरें,उर में ललकारों कासिंहनाद हूँकारें भरकर,शत्रुओं से…
नव सुर-दात्री,नव लय-दात्रीनव – गान मयी,नव तान – मयी। देवी मैं हूँ अति अज्ञानी नहीं है जग में तुमसा दानी माँ! दान दो नव अक्षरो का माँ दान दो नवलय स्वरो का जग- सृष्टा की मानस – कन्याबुद्धि दाता …
जय जय वरदानी जयति मातु जय जय वरदानी।सब जग पूजे मुनि जन ज्ञानी।।नित नित ध्यान करूँ मैं माता।तुम सब जन की भाग्य विधाता।। मातु ज्ञान की तुम हो सागर।जगत ज्ञान से करो उजागर।।सदा मातु बसना तुम वाणी।जय जय वंदन वीणापाणी।।…
23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है और भारत में मनाया जाता है। इस दिन 1931 को तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी दी थी। महात्मा गांधी की स्मृति में। 30 जनवरी 1948…
भारत माँ के सपूत – घनाक्षरी चाहे ठंड का कहरआधी रात का पहरतिलभर न हिलते,खड़े , सीना तान के। डरते न तूफान सेडटे हैं बड़ी शान सेभूख ,प्यास ,नींद छोड़,रखवारे मान के। समर्पित हैं देश कोमातृ -भू जगदीश कोतन, मन…