समझाये सबो मोला (छत्तीसगढ़ी गजल)

पगला कहे दुनिया समझाये सबो मोला ।का तोर मया हे दिखलाये सबो मोला ।। मन मोर भरम जाये वो ही गोठ ला करथेंदुरिहा चले जावों भरमाये सबो मोला । मँगनी के मया नोहे मया हावे जनम केनिंदा करें सब झन बिचकाये सबो मोला । कइसे तोला छोड़ँव मर जाहूँ लगे अइसेअर्थी मा मढ़ाये अलगाये सबो … Read more

कतको दीवाना हे (छत्तीसगढ़ी गजल)

कतको दीवाना हे (छत्तीसगढ़ी गजल) किस्मत के सितारा हा चमक जाही लगत हे ।मन तोर दीवाना हे भटक जाही लगत हे ।। खुशबू ले भरे तन मा रथे मन घलो सुंदरतोर तीर जमाना ये जटक जाही लगत हे । कतको दीवाना हे अउ कतको अभी होहीकतको इहाँ फाँसी मा लटक जाही लगत हे । अब … Read more

दीपावली : सुवा गीत/ छत्तीसगढ़ी रचना

यहाँ पर दीपावली अवसर पर गए जाने वाला सुवा गीतों का संकलन किया गया है . छत्तीसगढ़ में सुआ गीत प्रमुख लोकप्रिय गीतों में से है। सुआ गीत का अर्थ है सुआ याने मिट्ठु के माध्यम से स्रियां सन्देश भेज रही हैं। सुआ ही है एक पक्षी जो रटी हुई चीज बोलता रहता है। इसीलिए … Read more

जिंदगी पर हरिगितिका छंद

Submit : 16 Sep 2022, 10:56 AMEmail : [email protected] ये जिंदगी फोकट गवाँ झन , बिरथा नहीं जान दे ।आँखी अभी मा खोल तयँ हा, आघू डहर ध्यान दे ।तन फूलका पानी सही हे , बनय हाड़ा माँस के ।अनमोल जिंदगी कर लेवव, भरोसा नइ साँस के ।। दूजराम साहू अनन्य🙏🙏🙏

पोरा तिहार

पोरा तिहार छत्तीसगढ़ के परब आगे,हिरदे मा ख़ुशी छा गे गा।माटी के बइला ला भरले,पोरा तिहार मना ले गा।काठा भर पिसान सान ले,ठेठरी खुरमी बना ले गा।पोरा तिहार के परम्परा ला,संगे- संग निभाले गा।मोटरा बांध के ठेठरी खुरमी,बहिनी घर अमराबे गा,किसिम किसिम लम्हरी बोदकु,ठेठरी सबला खवाबे गा।सगा सोदर गांव समाज मा,सुनता ल् बगराबे गा,छत्तीसगढ़िया के … Read more