पर्यावरण संकट-माधवी गणवीर

पर्यावरण संकट

पर्यावरण संकट जीवन है अनमोल, सुरक्षित कहां फिर उसका जीवन है,प्रक्रति के दुश्मन तो स्वयं मानव है,हर तरफ प्रदूषण से घिरी हमारी जान हैं,फिर भी हर वक्त बने हम कितने नादान है। मानव हो मानवता का कुछ तो धरम करो,जीवन के बिगड़ते रवैय्ये का कुछ तो करम करोचारो ओर मचा हाहाकार हैप्रदूषण का डंका बजा है।वायु, मर्दा, ध्वनि … Read more

पर्यावरण हमारा /आचार्य मायाराम ‘पतंग’

save nature

पर्यावरण हमारा /आचार्य मायाराम ‘पतंग’ हमको जीवन देता है यह पर्यावरण हमारा । इसे नष्ट करने से होगा जीवन नष्ट हमारा ॥ अज्ञानी हम ज्ञान राशि, औरों को बाँट रहे हैं। उसी डाल पर बैठ उसे ही, जड़ से काट रहे हैं। माँ प्रकृति ने हमको पाला, अपना दूध पिलाकर । हम उसको ही पीड़ित … Read more

पेड़ की पुकार / सुनहरी लाल वर्मा ‘तुरंत’

save tree save earth

पेड़ की पुकार / सुनहरी लाल वर्मा ‘तुरंत’ रो-रोकर एक पेड़ लकड़हारे से एक दिन बोला क्यों काटता मुझको भैया तू है कितना भोला ! सोच समझ फिर बता मुझे मैं तेरा क्या लेता हूँ? मैं तो पगले! तुझको, जग को बहुत कुछ देता ही देता हूँ। सूरज से प्रकाश लेकर मैं खाना स्वयं पकाता … Read more

दान पर दोहे / डॉ एनके सेठी

doha sangrah

दान पर दोहे देवें दान सुपात्र को,यही न्याय अरु धर्म।तज दें मन से मोह को,सत्य यही है कर्म।।1।। न्याय दानऔर धर्म का,अब हो रहाअभाव।आज जगत से मिट रहा,आपस का सद्भाव।।2।। सत् का जीवन में कभी, होता नहींअभाव।होता है जो भी असत,रहे न उसका भाव।।3।। करता जो भी दान है, वह पाता सम्मान।अनासक्ति के भाव का, … Read more

फ़ैसले से फ़ासला इंसाफ़ का होने लगा/ रेखराम साहू

— फ़ैसले से फ़ासला इंसाफ़ का होने लगा— फ़ैसले से फ़ासला इंसाफ़ का होने लगा।यह तमाशा देखकर फ़रियाद है रोने लगा।। पाप दामन में बहुत हैं,पर उसे परवाह कब?गंग वह उल्टी बहाकर दाग़ है धोने लगा।। इस क़दर उसकी हवस है आसमां को छू रही।पाँव में पर लग गए जब वह ज़मीं खोने लगा।। वक़्त … Read more