कन्या पूजन पर कविता –दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है।
कन्या पूजन पर कविता
नव दुर्गा के नौ रूपों का
मैं करता कन्या पूजन
आई है मैया कन्या रूप में
मेरा जीवन हो गया पावन
आदर सहित मैया को मैंने
दिया है ऊँचा आसन
भक्ति भाव से पाँव पखारू
हो जाऊँ तुम पर अर्पण
लाल चुनरिया सर पर ओढाया
माथे कुमकुम टीका लगाया
फूलों की माला पहनाकर
हाथ जोड़ कर शीश झुकाया
मन की ज्योत जलाई मैंने
हृदय से आरती उतारी मैंने
हलवा पुरी का भोग लगा कर
श्रद्धा सुमन चढ़ाई मैंने
सौभाग्य होता मेरा मैया
होता जो तेरा सिंह वाहन
नतमस्तक हो बैठा रहता
करता नित्य ही दर्शन
दे दो आशीष मुझको मैया
मैं करता रहूँ तेरा वंदन
नव दुर्गा के नौ रूपों का
मैं करता कन्या पूजन
– आशीष कुमार
मोहनिया, कैमूर, बिहार