मित्रता पर दोहे – गोपाल ‘सौम्य सरल
यहां पर *गोपाल ‘सौम्य सरल’ द्वारा रचित सच्ची मित्रता को समर्पित एक रचना प्रस्तुत है।
यहां पर *गोपाल ‘सौम्य सरल’ द्वारा रचित सच्ची मित्रता को समर्पित एक रचना प्रस्तुत है।
यहां पर आदरणीय मदन सिंह शेखावत द्वारा रचित मेहनत पर दोहे का संकलन किया गया है।
रक्षा बन्धन एक महत्वपूर्ण पर्व है। श्रावण पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं। यह ‘रक्षासूत्र’ मात्र धागे का एक टुकड़ा नहीं होता है, बल्कि इसकी महिमा अपरम्पार होती है। कहा जाता है कि एक बार युधिष्ठिर ने सांसारिक संकटों से मुक्ति के लिये भगवान कृष्ण से उपाय पूछा तो कृष्ण … Read more
सृष्टि कुमारी की कवितायेँ आज की नारी मैं आज की नारी हूं, इतिहास रचाने वाली हूं,पढ़ जिसे गर्व महसूस करे वो इतिहास बनाने वाली हूं।नारी हूं आज की, खुले आसमान में उड़ना चाहती हूं मैं,बांध अपने जिम्मेदारियों का जुड़ा, अपने सपनों को पूरा करना चाहती हूं मैं।अब अपने जुल्मों का शिकार नहीं बना सकता कोई … Read more
आगे आगे तीजा तिहार आगे – मनीभाई नवरत्न ऐ दीदी ओ, ऐ बहिनी ओ।आगे आगे तीजा तिहार आगे।। सावन भादों सुख के देवय्या।झमाझम बादर चले पुरवय्या।।डारा पाना ह सबो हरियागे।आगे आगे तीजा तिहार आगे।। झूलेना बने हे सुग्घर पटनी।धरे रहव जी दवरा के गठनी।ठेठरी खुरमी अउ खारा कटनी।भजिया सुहाथे लहसून के चटनी।नोनी बाबू ऐदे खाये … Read more