प्रेमिका के लिए कविता – नेहा चाचरा बहल
प्रेमिका के लिए कविता – न जाने क्यों आज तुम्हे देखने का बड़ा मन हैलिख कर जज़्बात खत में तुम्हे भेजने का बड़ा मन है हाथों में हाथ डाले हम तुम भी घूमते थे फ़ुरसत के उन पलों को ढूंढने का बड़ा मन है कागज़ में नाम लिख कर कभी उसको फाड़ते थेतेरे नाम के … Read more