प्यार तुम ही से करता हूँ – कृष्ण सैनी

प्यार तुम ही से करता हूँ – कृष्ण सैनी विरह को पीकर में,आज इक इंसाफ करता हु।प्यार तुम ही से करता था,प्यार तुम ही से करता हु। सोचा इत्तला कर दूं,अब भी तुझपे  ही मरता हु।प्यार तुम ही से करता…

धूप पर कविता – पुष्पा शर्मा

धूप पर कविता – पुष्पा शर्मा कोहरे की गाढी ओढनीहिमांकित रजत किनारी लगी।ठिठुरन का संग साथ लिया सोई  रजनी अंधकार पगी। ऊषा के अनुपम रंगों नेसजाई अनुपम रंगोली,अवगुण्ठन हटा होले सेधूप आई ,ले किरण टोली। इठलाती बलखाती सी वोसब ओर…

पुष्पा शर्मा की गीतिका – पुष्पा शर्मा

पुष्पा शर्मा की गीतिका – पुष्पा शर्मा नज़र अंदाज़ करते हैं गरीबी को सभी अब तो।भुलाकर के दया ममता सधा स्वारथ रहे अब तो। अहं में फूल कर चलता कभी नीचे नहीं देखा,मिले जब सीख दुनियाँ में लगे ठोकर कभी…

छत्तीसगढ़ पर कविता – पंकज

छत्तीसगढ़ महिमा – पंकज छत्तीसगढ़  महतारी मोर छत्तीसगढ़  महतारी।तोर  कोरा म  रहिथे दाई  दाता अउ भिखारी।उत्तर म  सरगुजा  हावे स्वर्ग  समान  कहाथे।दक्षिण म केशकाल के घाटी सबके मन ल मोहाथे।पश्चिम  म  मैकल  पर्वत  हे बैगा  मन के डेरा।अउ पूरब  म…

प्रेमिका के लिए कविता – नेहा चाचरा बहल

प्रेमिका के लिए कविता – न जाने क्यों आज तुम्हे देखने का बड़ा मन हैलिख कर जज़्बात खत में तुम्हे भेजने का बड़ा मन है हाथों में हाथ डाले हम तुम भी घूमते थे फ़ुरसत के उन पलों को ढूंढने…