Tag kavita in hindi for singing

An anthem consisting of voice, verse and rhythm is called a song. The song is a popular Bhagya genre. It has a mouth and a few nerves. The mouth is repeated after each interval. The song is sung.

Jai Sri Ram kavitabahar

श्रीराम स्तुति / लक्ष्मीकान्त शर्मा ‘रुद्रायुष’

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया। श्रीराम स्तुति…

कोरोना चालीसा पर कविता

कोरोना चालीसा पर कविता नर रसना के स्वाद का, कोरोना परिणाम।चमगादड़ के सूप का, मचा हुआ कोहराम।।१।। करता कोई एक है, भरता ये संसार।घूम -घूम वो नर करें, व्याधि का संचार।।२।। *चौपाइयाँ* कैसे कटे दिवस हे भाई ।लगता जीव लता…

छिपे चंद्रिका से हम बैठे

छिपे चंद्रिका से हम बैठे छिपे चंद्रिका से हम बैठेकक्षों में पर्दे लटके।धूप सुहाती नही आज क्योंतारों की गिनती खटके। प्राकृत की छवि कानन भूलेदेख रहे तरु चित्रों कोवन्य वनज वन जीव उजाड़ेभूल गये खग मित्रों को विहग नृत्य की…

कोरोना में दीप जलाये फिर से यार

कोरोना में दीप जलाये फिर से यार चलो दीप जलाए फिर से यारकी जगमग दीप जलेकोरोना दूर भगाओ घर से यारकी जगमग द्वार करें…… 5 अप्रैल दिन रविवाररात 9 बजे सब दीप जलाए9 मिनट बीजली बुझाओ मेरे यारकि जगमग दीप…

कोंपल पर कविता

कोंपल पर कविता फागुन राह निहारे कब सेआओ भँवरे अमराईपछुआ पवन ताप ले आओहृदय शीत हर पुरवाई कोयल की मृदु तान सुनी तोवसन वृक्ष भी त्याग रहेवन्य जीव मन मीत मनानेआगे पीछे भाग रहे विरहा देख रही आँगन मेंबया युगल…

मीन सिंधु में दहक रही

मीन सिंधु में दहक रही बड़वानल की लपटों में घिरमीन सिंधु में दहक रही।आग हृदय की कौन बुझाएनदियाँ झीलें धधक रही।। मौन हुई बागों में बुल बुलधुँआ घुली है पुरवाईसन्नाटों के ढोल बजे हैंशोक मनाए शहनाई अमराई में बौर झरे…

शीतऋतु के भोर पर कविता

शीतऋतु के भोर पर कविता भोर कुहासा शीत ऋतुतैर रहे घन मेह।बगिया समझे आपदावन तरु समझे नेह।।.तृषित पपीहा जेठ मेंकरे मेह हित शोरपावस समझे आपदाकोयल कामी चोर करे फूल से नेह वहमन भँवराँ नर देह।भोर……………..।।.ऋतु बासंती आपदासावन सिमटे नैनविरहा तन…

गीत-सूनी सूनी संध्या भोर पर कविता

संध्या भोर पर कविता काली काली लगे चाँदनीचातक करता नवल प्रयोग।बदले बदले मानस लगतेरिश्तों का रीता उपयोग।। हवा चुभे कंटक पथ चलतेनीड़ों मे दम घुटता आजकाँप रहा पीला रथ रवि कासिंहासन देता आवाजझोंपड़ियाँ हैं गीली गीलीइमारतों में सिमटे लोग।बदले…………………।। गगन…

जीत पर कविता

जीत पर कविता काल चाल कितनी भी खेले,आखिर होगी जीत मनुज कीइतिहास लिखित पन्ने पलटो,हार हुई है सदा दनुज की।। विश्व पटल पर काल चक्र ने,वक्र तेग जब भी दिखलाया।प्रति उत्तर में तब तब मानव,और निखर नव उर्जा लाया।बहुत डराये…

याराना पर कविता

याराना पर कविता साहिल पर आना मेरे यार मुझे तेरी याद सताती हैतेरी बातें मुझे बीते कल की याद दिलाती हैंसाहिल पर आना मेरे यार मुझे तेरी याद सताती है।1)जब तू मुझे कभी बुलाता हैयादों की सेज पर सुलाता हैवो…