संस्कारों का आधुनिकीकरण- पद्ममुख पंडा महापल्ली
“संस्कारों का आधुनिकीकरण” बचपन से ही है मेरी नजरसमाज के रहन सहन परखान पान;जीवन शैलीसंस्कारों की है जो धरोहर अपनी संस्कृति है ऐसीसुंदर और मनोहरजो यह कहती हैसंपूर्ण विश्व है अपना घर भारतीय परंपरा मेंसुबह चरण स्पर्श करबच्चे पाठशाला जातेमात पिता के आशीष लेकर पर पाश्चात्य सभ्यता काअब हो रहा है असरजिसका पड़ रहा दुष्प्रभावहमारे … Read more