समय पर कविता -डॉ. पुष्पा सिंह’प्रेरणा

समय पर कविता तेरे पाँवों की जंजीरों को,पाजेब बना दूँ !हथकड़ियाँ तोड़ हथेलियों में,मेहंदी रचा दूँ !नाजुक कलाइयों में रंगीन,चूड़ियाँ खनका दूँ!माथे की शिकन पर,झिलमिल बिंदिया सजा दूँ ! हे कर्मशील स्त्री आ तुझे,वनिता बना दूँ!न घबरा,भयभीत न हो,न भूल अपनी शक्ति को,न खामोशी से सहती रह,जोर जबरदस्ती को! आ चल साथ मेरे,तुझसे तेरी पहचान … Read more

नारी पर कविता

स्त्री पर कविता ( Stree Par Kavita ): चैत्र नवरात्रि हिन्दु धर्म में नवरात्रि का बहुत महत्व है। चैत्र नवरात्रि चैत्र (मार्च अप्रेल के महीने) में मनाई जाती है, इसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नवरात्रि में दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। चूकी दुर्गा माँ भी एक स्त्री है तो नारी शक्ति पर एक कविता नारी पर सुन्दर कविता आँखों   … Read more

कौन हो तुम?-डॉ. पुष्पा सिंह’प्रेरणा

कौन हो तुम? शब्दों के चित्र,कोरे कागज़ पर,स्याही उड़ेलकर,कलम को कूची बनाकर,कविता की सूरत,बला की खूबसूरत!कैनवास पर,भावों का समर्पण करउकेर देते हो!कौन हो तुम?कवि या कोई चित्रकार?छेनी-हथोड़े की तरह,औजार बनाकर,तराशी उंगलियों से,गढ़ते हो..पत्थर की मूरत,बला की खूबसूरत!फिर–फूंक देते हो प्राण,साँसों को अर्पण करकौन हो तुम?कवि या कोई शिल्पकार?कौन हो तुम……—-डॉ. पुष्पा सिंह’प्रेरणा’अम्बिकापुर(छ. ग.) Post Views: … Read more

सूरज का है आमंत्रण

सूरज का है आमंत्रण अंधेरों से बाहर आओ,सूरज का है आमंत्रण!बिखरो न यादों के संग,बढ़ो,लिए विश्वासी मन!अतीत के पन्नों पर नूतन,गीत गज़ल का करो सृजन!भीगी आंखों को धोकर,भर लो अब तुम नवजीवन!खुशियों को कर दो ‘अर्पण’,जियो औरों की ‘प्रेरणा’बन!! -डॉ. पुष्पा सिंह’प्रेरणा’ Post Views: 31

प्रजातंत्र पर कविता

प्रजातंत्र पर कविता जहरीला धुंआ है चारो ओर,मुक्त हवा नहीं है आज,पांडव सर पर हाथ धरे हैं,कौरव कर रहे हैं राज! समाज जकड़ा जा रहा है,खूनी अमरबेल के पंजों में,नित्य फंसता ही जा रहा है,भ्रष्टाचार के शिकंजों में! आतंक का रावणअट्टहास कर रहा है,कहने को है प्रजातंत्र,अधिकारों का हनन,कोई खास कर रहा है! शासन की … Read more