आकर्षण या प्रेम पर कविता
आकर्षण या प्रेम मीरा होना आसान नहीं,ज़हर भी पीना पड़ता है।त्याग, प्रेम की परिभाषा,जीवंत निभाना पड़ता है।। हीर रांझा, लैला मंजनू,अब नहीं कहीं मिलते हैं।दिल में दिमाग उगे सबके,प्रेम का व्यापार करते हैं।। सुंदर प्रकृति, सुंदर लोग,दिल लुभावने लगते हैं।पर…