Month October 2019

हर गीत तुम्हारे नाम लिखूंगी

हर गीत तुम्हारे नाम लिखूंगी हे मितवा मनमीत मेरेहर गीत तुम्हारे नाम लिखूंगीशब्दों में जो बंध ना पायेऐसे कुछ अरमान लिखूंगी प्रीत के पथ के हम दो राही तेरा नेह बनाकर स्याही अपने अनुरागी जीवन में तुझको अपनी जान लिखूंगी  खुद को खोकर…

मैं हूँ पहाड़-विनोद सिल्ला

मैं हूँ पहाड़ मैं हूँ पहाड़तुम्हारे आकर्षण काहूँ केन्द्रशक्ति काविशालता काहूँ परिचायकनदियाँ हैंमेरी सुताजो हैं पराया धनहो जाती हैंमुझसे जुदाहोती हैं बेताब समुद्र से मिलने कोसमुद्र में विलीन होने कोहोती हैंमुझसे जुदानई दुनिया बसाने को -विनोद सिल्ला©कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद…

जिंदगी पर कविता -सरोज कंवर शेखावत

जिंदगी पर कविता -सरोज कंवर शेखावत जिंदगी ने जिंदगी से ऐसा भी क्या कह दिया,लब तो खामोश थे फिर क्या उसने सुन लिया। वक़्त की बेइमानियां सह ग‌ए हम  चुप खड़े,तूने जब मूंह मोड़ा हमसे हमने जहर है पिया। इस…

रत्न चतुर्दश-डॉ एन के सेठी

रत्न चतुर्दश मंदराचल  को  बना  मथनी, रस्सी शेष को।देवदनुज सबने मिल करके,मथा नदीश को।।किया  अथक  प्रयास  सभी ने,रहे वहां डटे।करलिया प्राप्त मधुरामृत जब,सभी तभी हटे।।                     रत्न  चतुर्दश निकले  उससे, जो…

अंकिता जैन की कविता

अंकिता जैन की कविता विचित्र दुनिया      ये बड़ी विचित्र दुनिया है,यहाँ, विचित्र राग गाया जाता हैं।अपने घाव रो रो कर दिखाते,और दूसरे के घावो पर,नमक लगाया जाता हैं।ये बड़ी विचित्र दुनिया हैं,यहां विचित्र राग गाया जाता हैं।कभी मजहब…

शहीदों पर कविता-माधवी गणवीर

 शहीदों पर कविता  वतन के लिए कुर्बान होने की बात हैबस अपना फर्ज निभाने की बात है। कोई हमसे पूछे दिलो का जज्बा,हसीन कायनात सजाने की बात है। वतन पे जान लुटाने वालो,देश भक्ति का जज्बा जगाने की बात है।…

मदन मोहन शर्मा सजल की रचना

मदन मोहन शर्मा सजल द्वारा रचित रचनाएँ अभी बाकी है धीरे चल जिंदगी ज्वलंत सवालों के जवाब अभी बाकी है, जिसने भी तोड़े दिल ऐसे चेहरों से हिसाब अभी बाकी है, अंधियारी गहन रातों में ही बेहिचक संजोए हसीन पल, पूनम की…

मां अमृता की कुर्बानी-अरुणा डोगरा शर्मा

मां अमृता की कुर्बानी  याद करो वो कहानी, मां अमृता की कुर्बानी ,काला था वो मंगल ,रोया घना जंगल ।  खेजराली हरियाली, पर्यावरण निराली, सुंदर वृक्षों का घर , रेतीली धरा पर।  वारी हूं मैं बलिहारी, हार गए अहंकारी ,प्राण आहूति देकर ,शिक्षा दी है …

बस्तर धाम पर कविता-शशिकला कठोलिया

बस्तर धाम पर कविता उच्च गिरि कानन आच्छादित,    छत्तीसगढ़ का यह भाग, प्रकृति की गोद में बसा ,सुंदर पावन बस्तर धाम । नदियों का कल कल प्रवाह ,कर रही सुंदर दृश्यों की सर्जना,गिराते हराते जलप्रपात ,करते जैसे वारिद गर्जना । सघन…