किसे कहूं दर्द मेरा

किसे कहूं दर्द मेरा किसे कहूं दर्द मेराओ मेरे साजनलगे सब कुछ सुना सुना सातुम बिन छाई मायूसीकाटने को दौड़ते हैं ये लम्हेहर पल, पल पल भीवीरान खण्डहर की तरहछाया काली जुल्फों सा अंधेरा बिन तेरे ए हमसफ़र ।सताता हैं अकेलापनहर वक़्त क्षण क्षण भीक्यो जुदा हुए तुम तोड़कर दिल मेराक्यो बना विरह वियोगटूटा वो अनुराग प्याराक्यो … Read more

पाप-कुण्डलियाँ

                पाप-कुण्डलियाँ निर्जन पर्वत में अगर ,                        करो छुपाकर पाप ।आज नहीं तो कल कभी ,                      करें कलंकित आप ।।करें कलंकित आप ,          … Read more

प्रभु ने ऐसी दुनिया बनाई है-माधवी गणवीर

प्रभु ने ऐसी दुनिया बनाई है- प्रभु ने ऐसी दुनिया बनाई  है,कही धूप तो कही गम की परछाई है। रात का राजा देता है पहरा,चांदनी छिटककर मन में समाई है। निशा ने हर रूप है बदले,धरा पर जुगनुओं की बारात आई है। सारी फिजाओ को समेटे आगोश में,अंजुमन में आने को जैसे मुस्काई हैं। समीर … Read more

पेरा ल काबर लेसत हो

पेरा ल काबर लेसत हो तरसेल होथे पाती – पाती बर, येला काबरा नइ सोचत हो!ये गाय गरुवा के चारा हरे जी , पेरा ल काबरा लेसत हो !! मनखे खाये के किसम-किसम के, गरुवा बर केठन हावे जी !पेरा भुसा कांदी चुनी झोड़ के, गरुवा अउ काय खावे जी !!धान लुआ गे धनहा खेत … Read more

तांका की महक- पद्म मुख पंडा स्वार्थी

तांका की महक बेटी चाहतीमाता पिता की खुशीबहू के लिएसास ससुर बोझतनातनी है रोज बेटी हमारीससुराल क्या गईसास ससुरमांगते हैं दहेजचाहिए कार नई मच्छरों को क्यापाप पुण्य से कामचूसेंगे खूनसभी लोगों का यूं हीजीना करें हराम लापरवाहीहोती खतरनाकसतर्क रहेंध्यान रखें सबकानहीं कोई मजाक पद्म मुख पंडाकविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद