जिंदाबाद पर कविता

जिंदाबाद पर कविता लाईलाज घातकवायरस के आगमन परदेवालय, खुदालय व गोडालयया अन्य धर्मस्थलसब बंद हैंआरती, अजान व प्रार्थनाअनिश्चित काल के लिएटाल दीं गईं हैंअनुष्ठान निलंबित हैंटोने-टोटकेजादू-मंत्रसब निष्प्रभावी हैंखुले हैंऔषधालय, दवालय व जांचालयचिकित्सक जिंदाबादबहुउद्देशीय स्वास्थ्य-कर्मी जिंदाबादविज्ञान जिंदाबादमास्क बनाने वालेजिंदाबादमास्क बांटने वालेजिंदाबाद -विनोद सिल्ला©

वक्त पर कविता

वक्त पर कविता दुनिया कितनी सुंदर व प्यारी है।भारत उन सबमें नूतन न्यारी है।दुनिया के इस समय की घटना सुनाते हैं।चलो आज घर में वक्त बिताते हैं।1.सभी तरफ कोहराम मचा है।जान बचाना हो गया भारी।मनुष्य चाँद पर जा पहुंचा।पर एक वायरस से कैसी लाचारी।इस विपदा की घड़ी में अपना कर्तव्य निभाते हैं।चलो आज घर में … Read more

जल पर कविता

जल पर कविता जल जीवन का सार है।जल जीने का आधार है।जल प्यासे की पुकार है।जल जीवन का करतार है।जल है तो कल है।जल बिना जीवन विकल है।बूँद बूँद का संचय कर मधुर।तब ही होगा तेरा जीवन सफल है।जल ही जीवन है।इसे व्यर्थ में न बहाएँ।जल संचय कर मधुर।अपना कर्तव्य निभाएँ।जल जीवन की पहचान है।जल … Read more

घर-बेघर पर कविता

घर-बेघर पर कविता सरकार का आदेश हैआज मुझेऔर बाकी सब को भीघर पर रहना हैमैं और बाकी सबहर संभव प्रयास करकेघर पर ही रहेंगेलेकिन सरकारयह बताना भूल गईकहाँ रहेंगेनगरों-महानगरों के बेघरजिनका धरती बिछौनाआसमान ओढ़ना हैजो करते हैं विचरणसरकारों केमुख्यालयों की नाक के नीचेकहाँ रहेंगे वे खानाबदोशजो स्वयं केव पशुओं केभोजन की तलाश मेंघूमते हैंएक गांव … Read more

निर्भया न्याय दिवस पर कविता

निर्भया न्याय दिवस पर कविता सन् दो हजार बीस,बीस मार्च रहा अनुपम।स्वर्णिम दिन है आज,शांत मन तन है शुद्धम।हुई न्याय की जीत,निर्भया तेरी जय हो।दुराचार का अंत,सजा देना अब तय हो।सात साल के बाद में,फाँसी में झूले सभी।अब हो नहीं समाज में, फिर ऐसी घटना कभी। सुकमोती चौहान रुचिबिछिया ,महासमुन्द,छ.ग.