पंछी पर कविता
पंछी पर कविता यह,मन प्यासा,पंछी मेरानील गगन उड़ करे बसेरा ।पल मे देश विदेशों विचरण,कभी रुष्ट,पल मे अभिनंदन,*प्यासा पंछी, उड़ता मन।।* पल में अवध,परिक्रम करता,सरयू जल अंजुलि में भरता।पल में चित्र कूट जा पहुँचे,अनुसुइया के आश्रम पावन,*प्यासा पंछी, उड़ता मन।।* पल में शबरी आश्रम जाए,बेर,गुठलियाँ ढूँ ढे खाए।किष्किन्धा हनुमत से मिलकर,कपि संगत वह करे जतन,*प्यासा … Read more