कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

जिन्दगी पर कविता – पुष्पा शर्मा

जिन्दगी का मकसद रोज सोचती हूँ।जिन्दगी का मकसदताकती ही रहती हूँमंजिल की लम्बी राह। सोचती ही रहती हूँप्रकृति की गतिविधियाँ,जो चलती रहती अविराम।सूरज का उदय अस्तरजनी दिवस का निर्माण। रात का अंधियारा करता दूरचाँद की चाँदनी का नूर।तारों की झिल…

आज भी बिखरे पड़े हैं – गंगाधर मनबोध गांगुली

आज भी बिखरे पड़े हैं – गंगाधर मनबोध गांगुली         गंगाधर मनबोध गांगुली ” सुलेख “           समाज सुधारक ” युवा कवि “ कल तक बिखरे पड़े थे ,           आज भी बिखरे पड़े हैं ।अपने आप को देखो ,             हम कहाँ पर खड़े…

लालसा पर कविता – पूनम दुबे

लालसा पर कविता जो कभी खत्म ना हो,रोज एक के बाद एक,नई इच्छाओं का जन्म होना,पाने की धुन बनी रहती है, लालसा सबको खुश रखने तक,सपनों को पूरा करने तक,कब चैन की सांस लेंगे,अंधेरों से उजालों तक,कभी तो चैन मिलेगा…

महानदी पर कविता – केवरा यदु

मोर महानदी के पानी मा – केवरा यदु चाँदी कस चमके चम चम जिंहा चंदा नाचे छम छम ।सोंढू पैरी के संगम भोले के ड़मरु  ड़म ड़म ।मोर महानदी के पानी  मा। महानदी के बीच में बइठे शिव भोला भगवान…

संतोषी महंत की नवगीत – संतोषी महंत

संतोषी महंत की नवगीत हंसकर जीवन​-अथ लिख दें या रोकर अंजाम लिखें।जीवन  की  पीड़ाओं  के औ कितने आयाम लिखें।। धाराओं ने सदा संभालातटबंधों ने रार किया।बचकर कांटों से निकले तोफूलों ने ही वार किया।।बंटवारा लिख दें किस्मत काया खुद का…