कविता बहार

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

मेला पर बाल कविता

मेला पर बाल कविता कविता 1 काले बादल, काले बादल। मत पानी बरसाओ बादल ॥ मुझे देखने मेला जाना । यहाँ नहीं पानी बरसाना। मेले से जब घर आ जाऊँ। तुमको सारा हाल सुनाऊँ। तब चुपके से गाँव में आता।…

हाथी पर बाल कविता

हाथी पर बाल कविता हाथी पर कविता 1 हाथी आया झूम के,धरती माँ को चूम के। टाँगे इसकी मोटी हैं,आँखें इसकी छोटी हैं। गन्ने पत्ती खाता है,लंबी सूँड़ हिलाता है। सूपा जैसे इसके कान,देखो-देखो इसकी शान ॥ हाथी पर कविता…

नन्हे मुन्ने सैनिक हम

नन्हे मुन्ने सैनिक हम पी-पी पी-पी डर-डर-डम,नन्हे मुन्ने सैनिक हम।छोटी-सी है फौज हमारी,पर उसमें है ताकत भारी।बड़ी-बड़ी फौजें झुक जाती,जब ये अपना जोर दिखाती।पी-पी पी-पी डर-डर-डम,नन्हे-मुन्ने सैनिक हम। Post Views: 71

मां पर बाल कविता

mother their kids

मां पर बाल कविता अम्माँ करती कितना काम।चाहे सुबह हो चाहे शाम ॥कुछ न कुछ करती ही रहती।सारे घर का बोझा सहती ॥नहीं उसे मिलता आराम।अम्माँ करती कितना काम ॥हम भी थाड़ा काम करेंगे।अम्मा जी की मदद करेंगे।तब होंगे सब…

चुन्नू-मुन्नू दोनों भाई

चुन्नू-मुन्नू दोनों भाई चुन्नु मुन्नु दोनों भाई,रसगुल्ले पर हुई लड़ाई।चुन्नू बोला मैं भी लूँगामुन्नू बोला मैं भी लूँगा।इतने में ही दीदी आई,दीदी ने दो चपत लगाई।ऐसा झगड़ा कभी करना,दोनों मिलकर प्रेम से रहना। Post Views: 63