आत्महंता का अधिकार -आर आर साहू
आत्महंता का अधिकार जहाँ सत्य भाषण से पड़ जाता संकट में जीवन।वहाँ कठिन है कह पाना कवि की कविता का दर्शन।। गुरु सत्ता पे शासन की सत्ता जब होती हावी।वहाँ जीत जाता अधर्म,धर्म की हानि अवश्यंभावी।। जो दरिद्र है,वही द्रोण…
आत्महंता का अधिकार जहाँ सत्य भाषण से पड़ जाता संकट में जीवन।वहाँ कठिन है कह पाना कवि की कविता का दर्शन।। गुरु सत्ता पे शासन की सत्ता जब होती हावी।वहाँ जीत जाता अधर्म,धर्म की हानि अवश्यंभावी।। जो दरिद्र है,वही द्रोण…
मेरा जीवन बना गुल्ली डंडा की परिभाषा सुबह सवेरे घर से भाग जाना पेड़ की टहनी से गुल्ली डंडा बनाना अमीरी -गरीबी ना छूत अछूत सबके निश्छल हृदय मिल के रहना खाना कितना सुख चैन था ना थी कोई निराशा मेरा जीवन बना गुल्ली डंडा…
मैं हूँ पहाड़ मैं हूँ पहाड़तुम्हारे आकर्षण काहूँ केन्द्रशक्ति काविशालता काहूँ परिचायकनदियाँ हैंमेरी सुताजो हैं पराया धनहो जाती हैंमुझसे जुदाहोती हैं बेताब समुद्र से मिलने कोसमुद्र में विलीन होने कोहोती हैंमुझसे जुदानई दुनिया बसाने को -विनोद सिल्ला©कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद…
जिंदगी पर कविता -सरोज कंवर शेखावत जिंदगी ने जिंदगी से ऐसा भी क्या कह दिया,लब तो खामोश थे फिर क्या उसने सुन लिया। वक़्त की बेइमानियां सह गए हम चुप खड़े,तूने जब मूंह मोड़ा हमसे हमने जहर है पिया। इस…
अंकिता जैन की कविता विचित्र दुनिया ये बड़ी विचित्र दुनिया है,यहाँ, विचित्र राग गाया जाता हैं।अपने घाव रो रो कर दिखाते,और दूसरे के घावो पर,नमक लगाया जाता हैं।ये बड़ी विचित्र दुनिया हैं,यहां विचित्र राग गाया जाता हैं।कभी मजहब…
शहीदों पर कविता वतन के लिए कुर्बान होने की बात हैबस अपना फर्ज निभाने की बात है। कोई हमसे पूछे दिलो का जज्बा,हसीन कायनात सजाने की बात है। वतन पे जान लुटाने वालो,देश भक्ति का जज्बा जगाने की बात है।…
बस्तर धाम पर कविता उच्च गिरि कानन आच्छादित, छत्तीसगढ़ का यह भाग, प्रकृति की गोद में बसा ,सुंदर पावन बस्तर धाम । नदियों का कल कल प्रवाह ,कर रही सुंदर दृश्यों की सर्जना,गिराते हराते जलप्रपात ,करते जैसे वारिद गर्जना । सघन…
रावण दहन करो भीतर के रावण का दमन करो,फिर तुम रावण का दहन करो।पहले राम राज्य का गठन करोफिर तुम रावण का दहन करो। चला लेना तुम बाण को बेशक़,जला देना निष्प्राण को बेशक़।बचा लेना तू विधान को बेशक़,पहले राम…
दर्द के जज़्बात अवाम दिखाती दर्द के जज़्बात, पर हुकूमत क्या समझे ? कही अनकही बात, लोगों का पैसा तो नहीं खैरात! आखिर इन गै़रकानूनी से कब मिलेगी निजात? ग़ुरूर करवा देगीएक दिन इंकलाब से मुलाक़ात, जब करे हुकूमत ही जारी करेगीमनचाहे मनचले फरमान। आम आदमी काना हो नुकसान। ग़लत…
ग़ज़ल – रात भर बैठ कर घात काटी गई रात भर बैठ कर ।याद काटी गई रात भर बैठ कर ।। इश्क पर बंदिशें साल दर साल की। म्यांद काटी गई रात भर बैठ कर ।। हिज्र की रात में, आपकी…