सरसी छंद में कैसे लिखें

सरसी छंद को समझने से पहले आइए हम छंद विधान को समझते हैं । अक्षरों की संख्या और क्रम , मात्रा, गणना और यति गति से संबंद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्य रचना को छंद की संज्ञा दी गई है। मात्रिक छंद की परिभाषा छंद के भेद में ऐसा छंद जो मात्रा की गणना पर … Read more

जीवन बीमा निगम स्‍थापना दिवस कविता | LIC foundation day special poem

LIC foundation day special poem आओ प्यारे साथ हमारे,जनसेवा हित सांझ सकारेl सम्यक संचय और निवेशनजन जन का हित संवर्धन,निगम नीति का उच्च लक्ष्य है,व्यक्ति और परिवारोंत्थान । लोक हितैषी सेवा दीक्षा,जन मन प्रेरित सतत सुरक्षा,योगक्षेमं ही परम ध्येय है,निगम हमारा प्रिय संस्थान। उठो निगम के सच्चे सेवक,अभिकर्ता जन और प्रबंधक,बुला रहे हैं ,कार्य लोकहित … Read more

पिता पर कविता (Pita Par Kavita)

फादर्स डे पिताओं के सम्मान में एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला पर्व हैं जिसमे पितृत्व (फादरहुड), पितृत्व-बंधन तथा समाज में पिताओं के प्रभाव को समारोह पूर्वक मनाया जाता है। अनेक देशों में इसे जून के तीसरे रविवार, तथा बाकी देशों में अन्य दिन मनाया जाता है। यह माता के सम्मान हेतु मनाये जाने … Read more

महिला दिवस पर कविता

बेखबर स्त्रियां स्त्रियों के सौंदर्य काअलंकृत भाषा मेंनख से शिख तक मांसल चित्रण किए गएश्रृंगार रस में डूबेसौंदर्य प्रेमी पुरुषों ने जोर-जोर से तालियां बजाईमगर तालियों की अनुगूंज मेंस्त्रियों की चित्कारकभी नहीं सुनी गईं कविताओं में स्त्रियांखूब पढ़ी गई और खूब सुनी गईमगर आदि काल से अब तककविताओं से बाहरयथार्थ के धरातल परस्त्रियां ना तो … Read more

विश्व बाल दिवस पर कविता

जवाहरलाल नेहरू

विश्व बाल दिवस पर दोहा:- बाल दिवस पर विश्व में,हों जलसे भरपूर!बच्चों का अधिकार है,बचपन क्यों हो दूर!!१ कवि , ऐसा साहित्य रच,बचपन हो साकार!हर बालक को मिल सके,मूलभूत अधिकार!!२ बाल श्रमिक,भिक्षुक बने,बँधुआ सम मजदूर!उनके हक की बात हो,जो बालक मजबूर!! ३ बाबूलाल शर्मा अलबेला बचपन पर हास्य कविता मेरा बचपन बड़ा निराला,कुचमादों का डेरा … Read more