माधुरी मंजरी में सपना पर आधारित कविता – माधुरी डड़सेना मुदिता
सपना पर आधारित कविता आँखों में सपने लिए , बढ़ती मैं हर रोज ।मंजिल मुझे पुकारती , करते मेरी खोज ।। साजन के सपने लिए ,मैं आई ससुराल ।रंग सभी भरने लगे , होती आज निहाल ।। हमने देखा है सजन , सपना सुंदर आज ।जो अपने संबंध हैं , इसकी रखना लाज ।। सपने … Read more