Tag #बाबूलाल शर्मा बौहरा

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ०बाबू लाल शर्मा बौहरा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

बादलो ने ली अंगड़ाई

बादलो ने ली अंगड़ाई बादलो ने ली अंगड़ाई,खिलखलाई यह धरा भी!हर्षित हुए भू देव सारे,कसमसाई अप्सरा भी! कृषक खेत हल जोत सुधारे,बैल संग हल से यारी !गर्म जेठ का महिना तपता,विकल जीव जीवन भारी!सरवर नदियाँ बाँध रिक्त जल,बचा न अब…

काग चील हँस रहे

काग चील हँस रहे गीत ढाल बन रहे.स्वप्न साज ढह गए. पीत वर्ण पेड़ हो. झूलते विरह गये देश देश की खबर. काग चील हँस रहे. मौन कोकिला हुई. काल ब्याल डस रहे. लाश लापता सभीमेघ शोक कह गये।पीत…………….।। शून्य…

morning

सूनी सूनी संध्या भोर

सूनी सूनी संध्या भोर काली काली लगे चाँदनीचातक करता नवल प्रयोग।बदले बदले मानस लगतेरिश्तों का रीता उपयोग।। हवा चुभे कंटक पथ चलतेनीड़ों मे दम घुटता आजकाँप रहा पीला रथ रवि कासिंहासन देता आवाजझोंपड़ियाँ हैं गीली गीलीइमारतों में सिमटे लोग।बदले…………………।। गगन…

मन भँवरा नर देह

मन भँवरा नर देह भोर कुहासा शीत ऋतुतैर रहे घन मेह।बगिया समझे आपदावन तरु समझे नेह।।.तृषित पपीहा जेठ मेंकरे मेह हित शोरपावस समझे आपदाकोयल कामी चोर करे फूल से नेह वहमन भँवराँ नर देह।भोर……………..।।.ऋतु बासंती आपदासावन सिमटे नैनविरहा तन मन…

नन्हा मुन्ना करे सिफारिश

नन्हा मुन्ना करे सिफारिश( १६ मात्रिक ) मैं इधर खड़ा,तुम उधर खड़े।सब अपने स्वारथ किधर अड़े।भावि सुरक्षक बनूँ वतन का,नन्हा मुन्ना करे सिफारिश,आज नमन की है ख्वाहिश। वतन आपका मेरा भी है,निज हित चाहे,उनका भी है।नही करे जो बात वतन…

प्रीतम पाती प्रेमरस…

प्रीतम पाती प्रेमरस ( दोहा-छंद) पावन पुन्य पुनीत पल, प्रणय प्रीत प्रतिपाल।जन्मदिवस शुभ आपका, प्रियतम प्राणाधार।.प्रिय पत्नी प्रण पालती, प्राणनाथ पतिसंग।जन्मदिवस जुग जुग जपूँ, रहे सुहाग अभंग।।.प्रियतम पाती प्रेमरस, पाइ पठाई पंथ।जागत जोहू जन्मदिन, जगत जनाऊँ कंत।।.जनमे जग जो जानिए,…

beti

बिटिया की शादी कर दूँगा

बिटिया की शादी कर दूँगा गीत (१६,१६) अब के सब कर्जे भर दूँगा,बिटिया की शादी कर दूँगा।। खेत बीज कर करी जुताई,अब तो होगी बहुत कमाई।शहर भेजना, सुत को पढ़ने।भावि जीवनी उसकी गढ़ने।गिरवी घर भी छुड़वा लूँगा,बिटिया की शादी कर…

छीन लिए सब गड़े दफीने

छीन लिए सब गड़े दफीने धरा गाल हँसते हम देखे,जल कूपों मय चूनर धानी।घाव धरा तन फटी बिवाईमानस अधम सोच क्यूँ ठानी।। शस्य श्यामला कहते जिसकोपैंड पैंड पर पेड़ तलाईशेर दहाड़ें, चीतल हाथीजंगल थी मंगल तरुणाई ग्रहण लगा या नजर…

संस्कारों की करते खेती

संस्कारों की करते खेती बीज रोप दे बंजर में कुछ,यूँ कोई होंश नहीं खोता।जन्म जात बातें जन सीखे,वस्त्र कुल्हाड़ी से कब धोता। संस्कृति अपनी गौरवशाली,संस्कारों की करते खेती।क्यों हम उनकी नकल उतारें,जिनकी संस्कृति अभी पिछेती।जब जब अपने फसल पकी थी,पश्चिम…

एक खनकता गीत मेरा

एक खनकता गीत मेरा पास बैठो और सुनो बसएक खनकता गीत मेरा।। जीवन समर बहुत है मुश्किल,बाधाओं की हाट लगी है।दुनिया रंग बिरंगी लेकिन,होती देखी नहीं सगी है।इसीलिए गाता अफसाने,रूठ गया क्यों मीत मेरा।एक खनकता गीत मेरा।। मैं तो सच्चे…