गुरु पूर्णिमा पर दोहे -बाबू लाल शर्मा बौहरा विज्ञ

doha sangrah

महर्षि वेद व्यासजी का जन्म आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को ही हुआ था, इसलिए भारत के सब लोग इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। जैसे ज्ञान सागर के रचयिता व्यास जी जैसे विद्वान् और ज्ञानी कहाँ मिलते हैं। व्यास जी ने उस युग में इन पवित्र वेदों की रचना की जब शिक्षा … Read more

भाई पर कुण्डलिया छंद

साहित रा सिँणगार १०० के सौजन्य से 17 जून 2022 शुक्रवार को पटल पर संपादक आ. मदनसिंह शेखावत जी के द्वारा विषय- भाई पर कुण्डलिया में रचना आमंत्रित किया गया. कुंडलियां विधान- एक दोहा + एक रोला छंददोहा -विषम चरण १३ मात्रा चरणांत २१२सम चरण ११ मात्रा चरणांत २१समचरण सम तुकांत होरोला – विषम चरण … Read more

शबरी (अनुगीत छंद) – बाबू लाल शर्मा

विधान– २६ मात्रा प्रति चरण
चार चरण दो-दो समतुकांत हो
१६,२६ वीं मात्रा पर यति हो
चरणांत लघु १ हो।

राजस्थान दिवस कविता – बाताँ राजस्थान री

राजस्थान दिवस कविता : प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को हम राजस्थान की अमर गाथा का अपनी सुनहरी यादों में समरण कर इसे राजस्थान दिवस के रूप में मानते है। देश के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की परम्परा आज भी राजस्थान में कायम है। 30 मार्च, 1949 को जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय … Read more

शिव महाकाल पर कविता – बाबू लाल शर्मा

हे नीलकंठ शिव महाकाल भक्ति गीत- हे नीलकंठ शिव महाकाल (१६,१४मात्रिक) हे नीलकंठ शिव महाकाल,भूतनाथ हे अविनाशी!हिमराजा के जामाता शिव,गौरा के मन हिय वासी! देवों के सरदार सदाशिव,राम सिया के हो प्यारे!करो जगत कल्याण महा प्रभु,संकट हरलो जग सारे!सागर मंथन से विष पीकर,बने देव हित विश्वासी!हे नीलकंठ शिव महाकाल,भूतनाथ हे अविनासी! भस्म रमाए शीश चंद्र … Read more