सामाजिक क्रांति के मसीहा – कांशीराम

प्रस्तुत हिंदी कविता सामाजिक क्रांति के मसीहा काशीराम कवि डिजेंद्र कुर्रे कोहिनूर द्वारा रचित है जहां पर कवि ने कांशीराम जी के जीवन परिचय को काव्य का रूप दिया हुआ है। सामाजिक क्रांति के मसीहा – कांशीराम गिरे पड़े पिछड़ों कुचलों को,अपने गले लगाए थे।मानवता का धर्म जगाने,जो इस जग में आए थे। सन उन्नीस … Read more

हमर छेरछेरा तिहार पर कविता

गीत – हमर छेरछेरा तिहार ============================= सुख के सुरुज अंजोर करे हे,हम सबझन के डेरा म। हाँसत कुलकत नाचत गावत,झूमत हन छेरछेरा म।। //1// आज जम्मो झन बड़े बिहनिया, ले छेरछेरा कुटत हे। कोनलईका अउ कोन सियनहा,कोनो भी नई छूटत हे। ये तिहार म सब मितान हे,इही हमर पहचान हावय। मनखे मन ल खुशी देवैईया,सोनहा … Read more

एक मुस्कान

एक मुस्कान मनुजता शूचिता शुभता,खुशियों की पहचान होती है। जहाँ बिटिया के मुखड़े पर,धवल मुस्कान होती है। इसी बिटिया से ही खुशियाँ,सतत उत्थान होती है। जहाँ बिटिया के मुखड़े,पर धवल मुस्कान होती है। सदन में हर्ष था उस दिन,सुता जिस दिन पधारी थी। दिया जिसने पिता का नाम,यह बिटिया दुलारी थी। महा लक्ष्मी यही बेटी,यही … Read more

महिमा वीर नारायण के

महिमा वीर नारायण के महिमा वीर नारायण के ये,जे भुइँया म भारी जी। सोनाखान हवय हमरो ,बलिदानी के चिन्हारी जी। जन-जन के हितवा बनके,जे बेटा बिताईन जी। धन के लोभी छलिया मन ल,निसदिन यही सताइन जी। माल खजाना लूट लूट के, निर्धन मन ल दान करे। भांज अपन तलवार ल मेंछा,म साहस के ताव भरे। … Read more

दुर्गा चंडी काली हो / डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”

jai durga maa

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं। शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा चंडी काली हो भारत भू के माथे की तुम,रोली कुमकुम लाली हो।फल फूलों से लदी हुई तुम,ही तो सुरभित डाली … Read more