Tag 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर कविता

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर कविता : भारत का स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष १५ अगस्त को मनाया जाता है। सन् 1947 में इसी दिन भारत के निवासियों ने ब्रिटिश शासन से स्‍वतंत्रता प्राप्त की थी। यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है। प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं। विकिपीडिया

शहीदों के लिए कविता

23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है और भारत में मनाया जाता है। इस दिन 1931 को तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी दी थी। महात्मा गांधी की स्मृति में। 30 जनवरी 1948…

एक अकेले मदन मोहन

एक अकेले मदन मोहन कुछ  लोग होते हैं, जो महान होते हैं, महात्मा कहलाते हैं, कुछ लोग होते हैं, जो पवित्र होते हैं, शुद्धात्मा कहलाते हैं  कुछ लोग होते हैं देवतुल्य, जो देवात्मा कहलाते हैं  पर महामना हैं केवल एक,…

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मेरे भारत देश है श्रेष्ठ गुणों की खान -मनोरमा चन्द्रा “रमा”

मेरे भारत देश है श्रेष्ठ गुणों की खान -मनोरमा चन्द्रा “रमा” मन में अभिलाषा भरी, सभी बने विद्वान। मेरे भारत देश है, श्रेष्ठ गुणों की खान।। शांति नाद गूँजे सदा, सबका हो अरमान। सत्य, अहिंसा मार्ग चल, वही श्रेष्ठतम जान।।…

10 दिसम्बर विश्व मानवाधिकार दिवस पर विशेष लेख

10 दिसम्बर विश्व मानवाधिकार दिवस रहे सब धर्मों की बस यही पुकार। भेदभाव अंत हो, मिले मानवाधिकार। – मनीभाई नवरत्न प्रत्येक मानव , चाहे वह किसी भी धर्म, लिंग, जाति स्तर या फिर किसी भी देश का हो वह जन्म…

4 दिसंबर नौसेना दिवस पर विशेष लेख

भारत की आजादी के बाद 1950 में नौसेना का गठन फिर से हुआ और इसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया। विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी इस नौसेना ने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर भारी बमबारी कर उसे तबाह कर दिया था। 4 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन ट्राइडेंट नाम से शुरू किए गए अभियान में मिली कामयाबी की वजह से ही हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है।

जब तक तन में प्रान

करो लोकहित तुम मनुज जब तक तन में प्रान देश सदा उन्नति करे ,मन में लेना ठान ।करो लोकहित तुम मनुज ,जब तक तन में प्रान ।। है स्वतंत्र यह देश है ,बनो नहीं अंजान ।निर्भर होना छोड़ तू,इसकी बन…

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जो भारत मां के प्यारे हैं -शिवराज चौहान

जो भारत मां के प्यारे हैं -शिवराज चौहान *कलम तू बोल जय उनकी,* *जो भारत मां के प्यारे हैं।**वो सूरज हैं वो चंदा हैं,* *वो बलिदानी सितारे हैं।।*ये मिट्टी की ही खुशबू थी, उसी की थी वो मद मस्ती।उतारूं आज…