Tag manibhai navratna ki kavita in hindi

मनीभाई नवरत्न

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ० मनीभाई नवरत्न के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

ऐसे में तू जरा हमसे नजर तो मिला

ऐसे में तू जरा हमसे नजर तो मिला आसमां है खुला, समां भी है खिला। ऐसे में तू जरा, हमसे नजर तो मिला।। चाहत से मेरे ये, शाम हुई है रंगीला। ऐसे में तू जरा, हमसे नजर तो मिला ।।…

अधखिली कली सी तुम अनारकली

अधखिली कली सी तुम अनारकलीअधखिली कली सी तुम अनारकली।तुम्हें देख कर मन में हो खलबलीबुरा हाल है मेरा जब से तुम्हें देखा ।तुम्हें अपना बना लेने की मैंने सोच रखा।जानूं ना तेरी अदाओं को क्या है असली नकली ।ख्वाबों में…

बेकरार दिल तुझे हुआ क्या

बेकरार दिल तुझे हुआ क्या बेकरार दिल …तुझे हुआ क्या ?तुझे देख कर ही जिंदगी हुई रंगीन।दीदार हुआ चांद का, चेहरा तेरा आफरीन ।आफरीन तेरी अदा ।ऑफरीन सबसे जुदाआफ़रीन माशा अल्लाह।आफरीन मेरे खुदा ।बेकरार दिल …तेरी खूबसूरती अब तलक थी…

हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम।

हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम हर शाम सुबह होने का देती है पैगाम।उम्मीदें रखो दिल पर छोड़ो ना लगाम। आंधी आ जाए ,घरोंदे टूट जाए।आंधी थमने दो, जो हुआ रहने दो।फिर से बनाओ अपना मुकाम ।।हर शाम…

एक पेड़ की दो शाखाएं

एक पेड़ की दो शाखाएं एक पेड़ की दो शाखाएं ,एक हरी तो एक सुखी ।एक तनी तो एक झुकी।।ऐसे ही जीवन में दो पहलू हैकोई जश्ने चूर है तो कोई दुखी।।जब तक होठों में प्यास है ।तब तक कोई…

आती है खुशियां थोक में

आती है खुशियां थोक में आती है खुशी थोक में,तेरे आने से ।झरती है मोती लब में, मुस्कुराने से ।यह असर है तेरी दोस्ती काजो दी है तुमने मुझे, तुमसे दिल लगाने से ।।इंतजार रहता है तेरा, मुझे सांसो से…

घर के कितने मालिक -मनीभाई नवरत्न

घर के कितने मालिक वाह भाई !मैंने ईंटें लाई ।सीमेंट ,बालू , कांक्रीट, छड़और पसीने के पानी सेखड़ा कर लियाअपना खुद का घर।बता रहा हूँ सबकोमैं असल मालिक। ये “मैं और मेरा “मेरे होते हैं सोने के पहले।जैसे ही आयेगी…

Jai Sri Ram kavitabahar

मेरा मन लगा रामराज पाने को /मनीभाई नवरत्न

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया। मेरा मन…

मैं उड़ता पतंग मुझे खींचे कोई डोर

मैं उड़ता पतंग मुझे खींचे कोई डोर मैं उड़ता पतंग ….मुझे खींचे कोई डोर।तेरी ही ओर।।मेरा टूट न जाए धागा।भागा ….भागा…भागा ….मैं खुद से भागा।जागा.. जागा….जागा.. कभी सोया कभी जागा ।कुछ ख्वाहिशें हैं ,कुछ बंदिशें हैं।पग-पग में देखो साजिशें है…