मनीभाई के प्रेम कविता
मनीभाई के प्रेम कविता दुख की घड़ियां है दो पल की दुख की घड़ियां है ,दो पल की।फिर क्यों तेरी ,आंखें छलकी ।।याद ना कर ,बातें कल की ….जाने जां …जाने जां …जानेजां …जानेजां… माना दौर है , मुश्किल की ।आदत नहीं तेरी ,महफिल की ।मुस्कुरा तो जरा ,ख्वाहिश है दिल की….जाने जां …जाने जां … Read more