Month January 2020

कमजोरो पर कविता

कमजोरो पर कविता कमजोर पर सभी हिमत दिखाते हैंलोग पत्थर से क्यों नही टकराते हैएक पीछे एक चलते हैंक्यों नही कुछ अलग कर दिखाते हैकुछ बढ़िया कर जाते हैंमहान बनने के लक्षण सभी में नही पते हैक्यों लोग;कमजोर पर हिमत…

शह-मात पर कविता-विनोद सिल्ला

शह-मात पर कविता जाने क्योंशह-मात खाते-खातेशह-मात देते-देतेकर लेते हैं लोगजीवन पूरामुझे लगासब के सबहोते हैं पैदाशह-मात के लिएनहीं हैकुछ भी अछूताशह-मात सेलगता हैशह-मात ही हैपरमो-धर्मशह-मात हैकण-कण में व्याप्तशह-मात ही हैअजर-अमर Post Views: 29

अब नहीं रुकूंगी पर कविता

अब नहीं रुकूंगी पर कविता अब नहीं रुकूंगी,नित आगे बढूंगीमैंने खोल दिए हैं ,पावों की अनचाहे बेड़ियां।जो मुझसे टकराए ,मैं धूल चटाऊंगीहाथों में डालूंगी ,उसके अब हथकड़ियां।।(१)अब धुल नहीं मैं ,ना चरणों की दासी।अब तो शूल बनूंगीअन्याय से डरूँगी नहीं…

आजाद देश की दशा पर कविता

आजाद देश की दशा पर कविता भाई भाई में देखो कितनी लड़ाई हैहर चौराहे पर बैठा देखो कसाई हैपर्दे में आज भी रहती है बहू बेटियांकहते हैं लोग हमारा देश आजाद है। बेटियों के घर पर बेटा घर जमाई हैंन…

mera bharat mahan

स्वदेशी पर कविता

स्वदेशी पर कविता इंग्लिस्तानी छोड़ सभ्यता,अपनाओ देशीहिंदुस्तानी रहन-सहन हो,छोड़ो परदेशी। वही खून फिर से दौड़े जो,भगतसिंह में था,नहीं देश से बढ़कर दूजा, भाव हृदय में था,प्रबल भावना देशभक्ति की,नेताजी जैसी,इंग्लिस्तानी छोड़ सभ्यता,अपनाओ देशीहिंदुस्तानी रहन-सहन हो,छोड़ो परदेशी। वही रूप सौंदर्य वही…

mera bharat mahan

देशप्रेम पर कविता-कन्हैया साहू अमित

देशप्रेम पर कविता देशप्रेम रग-रग बहे, भारत की जयकार कर। रहो जहाँ में भी कहीं, देशभक्ति व्यवहार कर। मातृभूमि मिट्टी नहीं, जन्मभूमि गृहग्राम यह।स्वर्ग लोक से भी बड़ा, परम पुनित निजधाम यह।जन्म लिया सौभाग्य से, अंतिम तन संस्कार कर।-1रहो जहाँ…

प्रेम उत्तम मार्ग है पर कविता

प्रेम उत्तम मार्ग है पर कविता अन्नय प्रेम है तुझसे रीतेरे स्वर लहरी की मधुर तान।तुम प्रेम की अविरल धारा होमुख पे तेरी है मिठी मुस्कान ।मेरे मन में बसी है तेरी छवितुम्हें देख के मेरा होय विहान।मैं व्यथित, विकल…

बिहार बरबीघा (पुनेसरा) के कवि बाँके बिहारी बरबीगहीया द्वारा रचित कविता तुम और चाँद जो निश्छल प्रेम पर कविता को को दर्शाता है ।।

निश्छल प्रेम पर कविता चाँद तू आजा फिर से पास मेरेबिन तेरे जिन्दगी अधूरी है ।खोकर तुम्हें आज मैंने जाना हैमेरे लिए तू कितनी जरूरी है ।। रूठी हो अगर तो मैं मनाता हूँमाफ कर अब मैं कसम खाता हूँगलती…

राधा और मीरा पर लेख

रक्षा बन्धन एक महत्वपूर्ण पर्व है। श्रावण पूर्णिमा के दिन बहनें अपने भाइयों को रक्षा सूत्र बांधती हैं। यह ‘रक्षासूत्र’ मात्र धागे का एक टुकड़ा नहीं होता है, बल्कि इसकी महिमा अपरम्पार होती है। कहा जाता है कि एक बार…

रूढ़ीवाद पर कविता

रूढ़ीवाद पर कविता उन्होंने डाली जयमालाएक-दूसरे के गले मेंहो गए एक-दूसरे केसदा के लिएप्रगतिशील लोगों नेबजाई तालियांहो गए शामिलउनकी खुशी मेंरूढ़ीवादियों नेमुंह बिचकाएनाक चढ़ाईकरते रहे कानाफूसीकरते रहे निंदाअन्तर्जातीय प्रेम-विवाह कीदेते रहे दुहाईपरम्पराओं कीदेखते ही देखतेढह गया किलासड़ी-गलीव्यवस्था का Post Views: 43