Month September 2022

आखिर क्यों? – सृष्टि कुमारी

आखिर क्यों? क्यों बना दिया मुझे पराया? क्यों कर दिया आपने मेरा दान?एक बेटी पूछ रही पिता से,क्या मेरी नहीं कोई अपनी पहचान? बेटों के आने पर खुशियां मनाते हो,फिर बेटी के आने पर हम क्यों?एक बेटी पूछ रही पिता…

हे गणनायक – विनोद कुमार चौहान

हे गणनायक (सार छंद) हे गणनायक हे लम्बोदर, गजमुख गौरी नंदन।लोपोन्मुख थाली से होते, अक्षत-रोली-चंदन।। हे शशिवर्णम शुभगुणकानन, छाई है लाचारी।बढ़ती मँहगाई से अब तो, हारी जनता सारी।। हे यज्ञकाय हे योगाधिप, भोग लगाऊँ कैसे।मोदक की कीमत तो बप्पा, बढ़े…

गौरी पुत्र गणेश – सुकमोती चौहान

गौरी पुत्र गणेश आओ हे गौरी पुत्र गणेश!हरने हम सब के क्लेश। अग्र पूजन के अधिकारी,ज्ञान विद्या के भंडारी,मंगल मूर्ति अतुल बलधारी,पधारो हे गजानन!भरने जीवन में आनंद।आओ हे गौरी पुत्र गणेश!हरने हम सबके क्लेश | शिव शक्ति के तुम दुलारे,देवगणों…

बचपन पर कविता

जन्म से लेकर किशोरावस्था तक के आयु काल को कहते है। विकासात्मक मनोविज्ञान में, बचपन को शैशवावस्था (चलना सीखना), प्रारंभिक बचपन (खेलने की उम्र), मध्य बचपन (स्कूली उम्र), तथा किशोरावस्था (वयः संधि) के विकासात्मक चरणों में विभाजित किया गया है। इसी…

morning

प्रात: वन्दन – हरीश बिष्ठ शतदल

प्रात: वन्दन करे अमंगल को मंगल, पवनपुत्र हनुमान |सम्मुख उनके आने से , डरें सभी शैतान || हृदय बसे सिया-राम जी, श्रद्धा-भक्ति अपार |शिवजी के बजरंगबली , जग में रूद्र अवतार || संकट सारे भक्तों के , पल में देते…

वीर जवानों तुझे सलाम – बाबूराम सिंह

वीर जवानों तुझे सलाम आन – बान और शान देश की नही रुकने देते।वन्दे मातरम गान तिरंगा झंडा़ नहीं झुकने देते ।देश हित में फूलते-फरते करते सदा देशका नाम।देशकी खातीर जीते मरते वीर जवानों तुझेसलाम। बुरे नियत वालों को नाकों…

शिक्षक की अभिलाषा – अखिल खान

5 अक्टूबर 1994 को यूनेस्को ने घोषणा की थी कि हमारे जीवन में शिक्षकों के योगदान का जश्न मनाने और सम्मान करने के लिए इस दिन को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक…

गुरु ज्ञान का सागर -रुपेश कुमार

गुरु ज्ञान का सागर जीवन की सबसे पहले गुरु ,माता पिता होते है ,जीवन में गुरु का नाम ,सबसे ऊंचा होता है ,गुरु जीवन में मेरे ,साइकिल के पहिए जैसा होते है ,गुरु ज्ञान का सागर ,गुरु महासागर होते है…

स्वच्छता अभियान चाहिए

स्वच्छता अभियान चाहिए दया-धर्म करुणामय पावनअधरोंपर मुस्कान चाहिए।अनमोल मानव जीवनमें स्वच्छता अभियान चाहिए। परमार्थ परहित पुरुषार्थ क्षमा शीलता दान चाहिए।स्वच्छता से नेक कमाई भोजन वस्त्र मकान चाहिए। देशधर्म सत्कर्म सुपावन प्रगतिपथ कल्यान चाहिए।नेकी भलाई पुण्य में भी स्वच्छता अभियान चाहिए।…

दीपक सा जलता गुरू

दीपक सा जलता गुरू दीपक सा जलता गुरू,सबके हित जग जान।गुरू से हीं पाते सभी, सरस विद्या गुण ज्ञान।। जग में गुरु सिरमौर है,तम गम हरे गुमान।भर आलोक जन-मन सदा ,देते है मुस्कान।। निर्झर सा निर्मल गुरू ,मन का होता…