मन हो रहा हताश – बाबूलाल शर्मा
मन हो रहा हताश . ✨✨१✨✨हम ही दुश्मन मीत, अपनी भाषा के बने।बस बड़ बोले गीत, सोच फिरंगी मन वही।।. ✨✨२✨✨बदलें फिर संसार, निज की सोच सुधार लें।दें शिशु हित संस्कार,अंग्रेजी की कार तज।। . ✨✨३✨✨चलें धरातल जान, उड़ना छोड़ें पंख बिन।तब ही हो पहचान, हिन्दी हिन्दुस्तान की।।. ✨✨४✨✨ज्ञान मरघटी तात, नशा उतरता शीघ्र ही।वही … Read more