चिड़िया पर बाल कविता
चिड़िया पर बाल कविता रंग-बिरंगी, प्यारी चिड़ियासुंदर-सुंदर न्यारी चिड़ियाउड़ती क्यारी-क्यारी चिड़ियालगती बड़ी दुलारी चिड़िया ॥ Post Views: 62

हिंदी कविता संग्रह

हिंदी कविता संग्रह
चिड़िया पर बाल कविता रंग-बिरंगी, प्यारी चिड़ियासुंदर-सुंदर न्यारी चिड़ियाउड़ती क्यारी-क्यारी चिड़ियालगती बड़ी दुलारी चिड़िया ॥ Post Views: 62

जब भी कभी हम खुले आसमाँ बैठते है /दीपक राज़ जब भी कभी हम खुले आसमाँ बैठते हैज़मीं से भी होती है ताल्लुक़ात जहाँ बैठते है ये जो फूल खिल रहे है ये जो भौंरे उड़ते हैंअच्छा लगता है जब…
सागर- मनहरण घनाक्षरी पोखर व झील देखो , जिसमें न गहराई ,थोड़ा सा ही जल पाय, मारते उफान हैं I सागर को देखो वहाँ , नदियाँ हैं कई जहाँ ,सबको समेट हिय , करे न गुमान है I जिसका न…
वन दुर्दशा पर हिंदी कविता अब ना वो वन हैना वन की स्निग्ध छायाजहाँ बैठकर विक्रांत मनशांत हो जाता थाजहाँ वन्य जीव करती थी अटखेलियाँजहाँ हिरनों का झुण्ड भरती थी चौकड़ियाँवन के नाम पर बचा हैमिलों दूर खड़ा अकेला पेड़कुछ…
सुरों की मल्लिका लता जी- जगदीश कौर कहाँ गई वो सुरों की मल्लिकाकहाँ गई वो मधुर सी कोकिलाजिसके सुरों के जादू से सारा हिंदूस्तां था फूलों सा खिला। छेड़ती थी जब सुरों की तान मंद -मुग्ध हो जाता हिन्दूस्तानतेरे गुनगुनाएं…