दैव व दानवों की वृत्तियां /पुष्पा शर्मा “कुसुम”

dev danav mohini

दैव व दानवों की वृत्तियां /पुष्पा शर्मा “कुसुम”द्वारा रचित दैव व दानवों की वृत्तियां/ पुष्पा शर्मा “कुसुम” कंटक चुभकर पैरों मेंअवरोधक बन जाते हैं,किन्तु सुमन तो सदैव हीनिज सौरभ फैलाते हैं। बढा सौरभ लाँघ कंटकवन उपवन और वादियाँ,हो गया विस्तार छोड़करक्षेत्र धर्म और जातियाँ। धरा के अस्तित्व से चलीदैव व दानवों की वृत्तियां,ज्ञान का ले … Read more

कहां गए हो छोड़कर आती हर पल याद / पीयूष कुमार द्विवेदी ‘पूतू’

virah viyog bewafa sad women

कहां गए हो छोड़कर आती हर पल याद / पीयूष कुमार द्विवेदी ‘पूतू’ द्वारा रचित कहां गए हो छोड़कर आती हर पल याद/ पीयूष कुमार द्विवेदी ‘पूतू’ कहाँ गए हो छोड़कर,आती हर पल याद।घर का हर कोना हुआ,यादों से आबाद। चीख रहा है बैठका,रोती चौकी रिक्त।टिकी छड़ी दीवार से,देख नैन हों सिक्त।बेल वेदना उर बढ़े,मिले विरह की … Read more

पर्यावरण दिवस पर चौपाई/ बलबीर सिंह वर्मा ‘वागीश’

save nature

पर्यावरण दिवस पर चौपाई बच्चे – बूढ़े सुन लो भाई,पेड़ों की मत करो कटाई।वृक्षों से मिलती है छाया,गर्मी में हो शीतल काया। सबने इनकी महिमा गाई,मिलते हैं फल-फूल दवाई।पेड़ों से ही वर्षा आती,सब के मन को यह हर्षाती। बात सभी को यह समझाना,एक-एक को पेड़ लगाना।मिलकर सारे पेड़ लगाओ,भारत भू को स्वच्छ बनाओ। *बलबीर सिंह … Read more

5 जून अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस छत्तीसगढ़ी गीत

save tree save earth

5 जून अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस छत्तीसगढ़ी गीत पेड़ हमर तो संगी साथी,पेड़ हमर आय जान।जीव जंतु सबो के आसरा,पेड़ आय ग भगवान।। डारा पाना अउ जड़ी सबो,आथे अबड़ दवाई।जीवन एखर बिन शून्य हे,होथे बड़ सुखदाई। देथे दाई असन मया जी,सुख के एहर खदान।पेड़ हमर…… जियत मरत के नाता रिस्ता,जोरे हन हम भाई।आठो बेरा ताकत हमरो,चाहे … Read more

पर्यावरण संकट-माधवी गणवीर

पर्यावरण संकट

पर्यावरण संकट जीवन है अनमोल, सुरक्षित कहां फिर उसका जीवन है,प्रक्रति के दुश्मन तो स्वयं मानव है,हर तरफ प्रदूषण से घिरी हमारी जान हैं,फिर भी हर वक्त बने हम कितने नादान है। मानव हो मानवता का कुछ तो धरम करो,जीवन के बिगड़ते रवैय्ये का कुछ तो करम करोचारो ओर मचा हाहाकार हैप्रदूषण का डंका बजा है।वायु, मर्दा, ध्वनि … Read more