Author: कविता बहार

  • छत्तीसगढ़ में रिश्ता राम के/ विजय कुमार कन्नौजे

    छत्तीसगढ़ में रिश्ता राम के/ विजय कुमार कन्नौजे

    छत्तीसगढ़ में रिस्ता राम के / विजय कुमार कन्नौजे

    छत्तीसगढ़ में रिश्ता राम के/ विजय कुमार कन्नौजे



    छत्तीसगढ़ के मैं रहइया
    अड़हा निच्चट नदान।
    छत्तीसगढ़ में भाॅंचा ला
    मानथन सच्चा भगवान।

    बहिनी बर घातेच मया
    मिलथे गजब दुलार
    दाई के बदला मा बहिनी
    देथे गा मया भरमार।

    कौशल्या दीदी बड़ मयारू
    छत्तीसगढ़ के शान
    जेकर गोदी म जनम धरिस
    श्री राम चंद्र भगवान ।

    बारा बच्छर बन मा काटिस
    छत्तीसगढ़ के कोरा म।
    केवट करा गोड़, धोवइस
    शबरी रिहिस हे अगोरा म।

    सबुत घलो बतावत हावय
    मोर गोठ बिल्कुल सांचा ये।
    धन हवय हमर भाग संगी
    राम छत्तीसगढ़िहा भाॅंचा ये।

    गोड़ धोथन अऊ पांव पडथन
    भाॅचा ला मानथन भगवान
    कवि विजय के अर्जी सुनके
    दरशन दे दे मोला सिया राम।

    वनदेवी रूप में बहू रानी हा
    काटिस अकेला बनवास।
    बाल्मीकि आश्रम तुरतुरिया
    जग जननी करिस वास।

    गजब मया छत्तीसगढ़ में
    छत्तीसगढ़िहा रिस्ता राम के
    गोड़ धोवव, माथ नवावव
    मर्यादा पुरुषोत्तम राम के।

  • शबरी पर कविता/ सौदामिनी खरे दामिनी

    शबरी पर कविता/ सौदामिनी खरे दामिनी

    शबरी पर कविता/ सौदामिनी खरे दामिनी

    shabri
    शबरी


    शबरी सी भक्ति मिले,
    जीवन सुगम चले,
    प्रभु के आशीष तले,
    होवे नवल विहान।

    यह भीलनी साधना,
    रही निष्काम भावना,
    कठिनाई से सामना,
    गुरु वचनों को मान।

    लोभ मोह छोड़कर,
    भक्ति भाव जोड़ कर,
    राम नाम बोल कर,
    लगाया प्रभु से ध्यान।

    मीठे बेरों को तोड़ती,
    वो कुटिया बुहारती,
    फूल राहों में डालती,
    ढलता है अवशान।।

  • विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

    विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

    3 दिसम्बर दिव्यांग दिवस :- पर सभी दिव्यांग जनों को सादर समर्पित

    विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

    आँखे अँधी है, कान है बहरे ,
    हाथ पांव भी भले विकल ।
    वाणी-बुद्धि में बनी दुर्बलता ,
    विश्वास-हौसला सदा अटल ।

    विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

    अक्षमताओं से क्षमता पैदा कर ,
    विकलांग से हम दिव्यांग कहाए ।
    परिस्थितियों से लोहा लेकर ही ,
    काँटो-पथ पर फूल खिलाए ।

    तन दुर्बल है, पर ‘एक-इकाई’ ,
    आठ अरब की संख्या पार ।
    लक्ष्य बड़े ‘हाकिन्स’ से ऊँचे ,
    गहन अंतरिक्ष या समुद्र अपार ।

    कुछ फलने ,कुछ लेने परीक्षा ,
    उसने हमें ऐसा है बनाया ।
    पर पँखो में अरमान हौसला ,
    लक्ष्य हमें आसमान छुवाया ।

    एक अपूर्णता देकर उसने ,
    तीन दिव्यता हममें भर दी ।
    मेहनत कुछ, उसकी रेहमत से ,
    आज जीवन खुशहाली कर दी ।

    हमें हौसलों से, पहुँच बनानी ,
    सृष्टि के कण-कण जीवन ।
    खुशहाल प्रकृति है ,हमें सजानी ,
    तन-मन मानव में संजीवन ।

    कहीं नहीं हम,किसी से कमतर ,
    भले कोई सहारा न हो ।
    मन विश्वास ले, बढ़ते चले हम ,
    तूफान भले ,किनारा न हो ।

    दया के हम आकांक्षी नहीं है ,
    जीना चाहे स्वाभिमान से ।
    ‘अजस्र ‘ उमंग, हममें लहरों सी,
    मन पंख परवाज़, उड़ान चले ।

    डी कुमार–अजस्र (दुर्गेश मेघवाल, बून्दी/राज.)

  • लागी छूटे ना अब तो सनम लिरिक्स

    लागी छूटे ना अब तो सनम लिरिक्स

    Song Credits:
    Song Title/गाना: लागी छूटे ना अब तो सनम Laagi Chhute Na Ab To Sanam
    Movie/चित्रपट: काली टोपी लाल रुमाल Kali Topi Lal Rumal (Year-1959)
    Singer/गायक: मुहम्मद रफ़ी Mohammed Rafi, लता मंगेशकर Lata Mangeshkar
    Music Director/संगीतकार: चित्रगुप्त श्रीवास्तवा Chitragupta Shrivastava
    Lyrics Writer/गीतकार: मजरूह सुल्तानपुरी Majrooh Sultanpuri
    Star casts/अभिनीत किरदार: Shakeela, Chandrasekhar Vaidya, Agha, Mukri, Naina, Kamal Mahra, Bedi, K.N. Singh

    लागी छूटे ना अब तो सनम लिरिक्स

    लागी छूटे ना अब तो सनम लिरिक्स

    लागी छूटे ना अब तो सनम
    लागी छूटे ना अब तो सनम
    चाहे जाए जिया तेरी कसम
    लागी छूटे ना अब तो सनम

    ओ ओ ओ.. ओ..
    तुझको पुकारे बनके दीवाना
    न माने रे जिया
    तुझको पुकारे बनके दीवाना
    न माने रे जिया

    हो जी हो ओ ओ..
    प्यार किया तो करके निभाना
    सुनो जी रसिया
    हाए प्यार किया तो प्यार किया
    तेरी कसम
    लागी छूटे न

    हाये लागी छूटे ना
    अब तो सनम
    चाहे जाए जिया तेरी कसम
    लागी छूटे ना अब तो सनम

    हो ओ ओ.. ओ..
    दूर हूँ फिर भी दिलके क़रीब
    निशाना है तेरा
    दूर हूँ फिर भी दिलके क़रीब
    निशाना है तेरा

    हो जी हो ओ ओ..
    सोच ले फिर से एक गरीब
    दीवाना है तेरा
    हो ओ ओ..
    सोच लिया जी
    सोच लिया तेरी कसम
    लागी छूटे ना

    हाए लागी छूटे ना अब तो सनम
    चाहे जाए जिया तेरी कसम
    लागी छूटे ना अब तो सनम

    हो ओ ओ.. ओ..
    जब से लड़ी है तुमसे निगाहं
    तड़प रहा दिल
    जब से लड़ी है तुमसे निगाहं
    तड़प रहा दिल

    हो जी हो ओ..ओ..
    देखके चलना प्यार की राह
    बड़ी है मुश्किल

    हां आ.. आ..
    देख लिया जी देख लिया तेरी कसम
    लागी छूटे ना
    हाये लागी छूटे ना अब तो सनम
    चाहे जाए जिया तेरी कसम
    लागी छूटे ना अब तो सनम

  • राम अयोध्या आते है /डॉ एन के सेठी

    राम अयोध्या आते है /डॉ एन के सेठी

    राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्ररामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मणभरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया।

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    राम अयोध्या आते है /डॉ एन के सेठी

    पूरा कर वनवास सिय संग,
    राम अयोध्या आते है।
    भ्राता लखन साथ में उनके
    अनुपम शोभा पाते हैं।।

    हुई अयोध्या भी सनाथ थी
    रामसिया के आने से।
    चारों भाई एक साथ थे
    वन से फिरआ जाने से।।

    थी धरती की शोभा वे सब
    देख सभी हर्षाते थे।
    लंका जीत अवध में आकर
    राजा राम कहाते थे।।

    वन में जाकर श्रीराम ने,
    दानव मार गिराए थे।
    नारी को सम्मान दिलाने
    धनु भी हाथ उठाए थे।।


    अतुलित बलशाली शूरवीर
    उनकी शोभा न्यारी थी।
    जन जन के मन मे बसी हुई
    सूरत सबको प्यारी थी।।

    ©डॉ एन के सेठी