Category हिंदी कविता

तुम नहीं होती तब – नरेन्द्र कुमार कुलमित्र

तुम नहीं होती तब चादर के सलवटों मेंबेतरतीब बिखरे कपड़ों मेंउलटे पड़े जूतों मेंकेले और मूंगफली के छिलकों मेंलिखे,अधलिखे और अलिखे मुड़े-तुड़े कागज़ के टुकडों में खुद बिखरा-बिखरा-सा पड़ा होता हूँ मेरे सिरहाने के इर्द-गिर्दएक के बाद एक डायरी,दैनिक अख़बारों,पत्रिकाओं,कविताओं, गजलोंऔर कहानियों की कई…

दशहरा पर कविता-शैलेन्द्र कुमार चेलक

किसी भी राष्ट्र के सर्वतोमुखी विकास के लिए विद्या और शक्ति दोनों देवियों की आराधना और उपासना आवश्यक है। जिस प्रकार विद्या की देवी सरस्वती है, उसी प्रकार शक्ति की देवी दुर्गा है। विजया दशमी दुर्गा देवी की आराधना का…

Jai Sri Ram kavitabahar

रावण दहन पर कविता

दशहरा (विजयादशमी व आयुध-पूजा) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिये इस दशमी को ‘विजयादशमी’…

अमित की कुण्डलियाँ

अमित की कुण्डलियाँ माता भव भयहारिणी, करिये हिय भयहीन।*जगजननी जगदंबिका, जीवन कृपा अधीन।जीवन कृपा अधीन, मातु सुत तुम्हीं सम्हारो।विनती बारंबार, व्यथा से हमें उबारो।कहे ‘अमित’ कविराज, आप ही सुख-दुख दाता।सुनिये करुण पुकार, आज ओ मेरी माता। भव्य भवानी भाविनी, भवपाली…

सुनो राधिके- डा.नीलम

सुनो राधिके सुनो राधिकेहर बार तुम्ही प्रश्न चिह्न बनीसम्मुख मेरे खडी़ रहींहर बार ही मैंनेतुमको हल करने काप्रयत्न कियापर…….राधिके तूने कब कबमुझको समझाजब भी मैने रास कियाहर गोपी मेंतुझको ही देखाबांसुरी की हर साँस मेंतेरी ही धड़कन जानीकालिंदी कीअल्हड़ लहरेमुझको तेरी…

लाली लाली चुड़ी माँ के-प्रिया देवांगन “प्रियू”

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया…

mahatma gandhi

नायक श्री गांधी की जय

नायक श्री गांधी की जय स्वतंत्रता  के   वीर   सिपाही,नायक  श्री  गांधी  की  जय।अनुकरणीय  कृत्य उन्नायक,जय-जय गांधी,भव्य विजय। पूज्य   प्रेरणास्रोत  महात्मा,तुम्हें  याद   हम    करते  हैं।दिव्य-मार्ग  दे दिया निराला,चलकर   पार    उतरते   हैं।सुदृढ़ जिन्दगी जीकर तुमने,स्वर्णिम   राह    दिखाई   है,‘रघुपति राघव’ गाते  है  हम,उच्च-शिखर …

मोहन सबका प्यारा है

मोहन सबका प्यारा है               (1)पुतलीबाई ने जन्म दिया ,करमचंद ने पाला था ।सीधा-साधा,भोला-भाला,मोहन सबका प्यारा था।            (2)बिन हथियार लड़े थे ओ,सत्य अहिंसा के पुजारी ।सरल स्वाभाव के धनी…

मेरे आंगन में – दिनेश चंद्र प्रसाद “दीनेश”

“मेरे आंगन में “ होठ तेरे जैसे,  दो कुसुम खिले;यौवन के कानन में ।आंखें तेरी जैसी, दो झील हैं गहरी;रूप के मधुबन में ।गाल हैं तेरे चिकने जैसे,दो नव किसलय;       निकले उपवन में।बिंदिया की चमक है जैसे, इंदु हँसे;नील गगन…

बाल कविता – स्लेट बत्ती

बाल कविता – स्लेट बत्ती स्लेट बत्ती का  जानो मोललकीर बना लो या फिर गोल क ख ग घ लिखना हो या गिनतीपढ़ने को सब करते विनती बत्ती को घिस घिस कर देखेंटूटे जब जब उसको फेंके पानी को हाथों…