Category अन्य काव्य शैली

चतुष्पदी (मुक्तक) क्या है ? इसके लक्षण व उदाहरण

चतुष्पदी (मुक्तक) क्या है ? इसके लक्षण व उदाहरण चतुष्पदी (मुक्तक)— समान मात्राभार और समान लय वाली रचना को चतुष्पदी (मुक्तक) कहा गया है । चतुष्पदी में पहला, दूसरा और चौथा पद तुकान्त तथा तीसरा पद अतुकान्त होता है और…

मनीभाई की भावनाएं

मनीभाई की भावनाएं ●●●●●●●●●●●●हर जगह चुनौतियाँ हैं, क्यूँ ना चुनौतियों से वास्ता करें।ये तो गलत है कि खानाबदोश की तरह हम रास्ता करें।विरोध करें ,कभी विरोध सहें; ये सांसारिक नियति है ।मतभेद होने से रूठके चले जाना ,नहीं कवि प्रकृति…

हाइकु

हाइकु- द्वितीय शतक

हाइकु- द्वितीय शतक १.सत्ता का पेड़काग बनाए नीड़कोयल चूजे२.फाल्गुन संध्याबूँटे लिए बालिकाजमी चौपाल३.नदी का घाटस्नान भीड़ में वृद्धपोटली भय४.जल की प्याऊसिर पर पोटलीप्यासी बुढ़िया५.विवाहोत्सवचौपाल में मध्यस्थसिर पे बागा६.नीम की छाँवबुढ़िया चारपाईपड़े बताशे७शहरी पथनग्न है फुटपाथवस्त्रों में श्वान८.चाँदनी रातबाराती की आतिशछान…

हाइकु

हाइकु प्रथम शतक

हाइकु शतक १.खेत में डेराहाथ में मोटी रोटीदूध की डोली२तेल बिनौरीसिर पर छबड़ीगीत गुंजन३होली के रंगचौपाल पर ताशचंग पे भंग४.नीम का पेड़वानर अठखेलीदंत निंबोली५सम्राट यंत्रधूप घड़ी देखताविद्यार्थी दल६संग्रहालयकांँच बाँक्स में ‘ममी’उत्सुक छात्रा७गुलाब बागपैंथर पिँजरे मेंकूदे वानर८मोती मंगरीतोप पे लेते सेल्फीसैलानी…

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मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 9

हाइकु अर्द्धशतक भाग 9 ४०१/शम्मी के पेड़धनिष्ठा वसु व्रतमंगल स्वामी ४०२/मंडलाकारसौ तारे शतभिषाराहु की दशा। ४०३/ रोपित करेंपूर्व भाद्रपद मेंआम्र का वृक्ष। ४०४/मांस का दानउत्तरा भाद्रपदपूजा निम्ब के । ४०५/कांसे का दानरेवती पूषा व्रतमहुआ पूजा। ४०६/श्रीराम जन्मअभिजीत जातकहै भाग्यशाली ।…

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मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 8

हाइकु अर्द्धशतक ३५१/ धरा की तापहरते मौन वृक्षतप करते ३५२/ झुलस जायेतन मन जीवनऐसी तपन। ३५३/ है ऐसी धुपनैन चौंधिया जायेतेजस्वरूप । ३५४/   लू की कहरखड़ी दोपहर में  धीमा जहर ३५५/मेघ गरजेबिजली सी चमकेरूष्ट हो जैसे । ३५६/बादल छायाएकाकार…

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मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 7

हाइकु अर्द्धशतक ३०१/आज के नेताहै जनप्रतिनिधिनहीं सेवक। ३०२/है तू आजादबचा नहीं बहानातू आगे बढ़। ३०३/.मित्र में खुदाकरे निस्वार्थ प्रेमरिश्ता है जुदा। ३०४/ छाया अकालजल अमृत बिनधरा बेहाल। ३०५/ सांध्य सिताराशुक्र बन अगुआलड़े अंधेरा। ३०६/ स्वाभिमान हीसबसे बड़ी पूंजीजीवन कुंजी। ३०७/…

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मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 6

हाइकु अर्द्धशतक २५१/ रात की सब्जी~जय वीरू की जोड़ीआलू बैंगन। २५२/ पंचफोरन~बैंगन की कलौंजीप्लेट में सजा। २५३/ बाजार सजा~डलिया में बैंगनइतरा रहा। २५४/ सब्जी का राजा~(बैंगन)ताज भांति सिर मेंडंठल सजा।   २५५/ रात की सब्जी~जय वीरू की जोड़ीआलू बैंगन। २५६/…

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मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 5

हाइकु अर्द्धशतक २०१/ प्रभात बेला~   शहर में सजती रंगीन मेला। २०२/ हिलते पात~ दिवस सुधि लेते आई प्रभात। २०३/ खनिज खान~पठार की जमीनचौड़ा सपाट। २०४/रूई बिछौना~पामीर के पठारसंसार छत। २०५/ फंसा पतंगा फूल की लालच में लोभ है जाल।…

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मनीभाई के हाइकु अर्द्धशतक भाग 4

हाइकु अर्द्धशतक १५१/ शांत तालाबपाहन की चोट सेबिखर चला। १५२/ मुस्कुरा गईनव वधु के लबमैका आते ही। १५३/ बच्चे मायुसबिजली आते उठीखुशी लहर। १५४/ अपनी सीमाकमजोरी तो नहींप्रभाव जमा। १५५/ बाल संवारेदीदी आज भाई कासहज प्रेम १५६/ भूले बिसरेयादों में…