Tag #बाबूलाल शर्मा बौहरा

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ०बाबू लाल शर्मा बौहरा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

नन्हे बहादुर-लाल बहादुर शास्त्री जी

नन्हे बहादुर-लाल बहादुर शास्त्री जी दोहा छंद सदी बीस प्रारंभ में, चलती चौथी साल।दो अक्टूबर को लिए, जन्म बहादुर लाल।। जन्मे मुगल सराय में, वाराणसी सनेह।राम दुलारी मात थी, पिता शारदा गेह।। बचपन में गुजरे पिता, पले बढ़े ननिहाल।निर्धनता का…

मनहरण घनाक्षरी -दशहरा

किसी भी राष्ट्र के सर्वतोमुखी विकास के लिए विद्या और शक्ति दोनों देवियों की आराधना और उपासना आवश्यक है। जिस प्रकार विद्या की देवी सरस्वती है, उसी प्रकार शक्ति की देवी दुर्गा है। विजया दशमी दुर्गा देवी की आराधना का…

doha sangrah

नवदुर्गा पर दोहा – बाबूलाल शर्मा

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं। ]शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। नवदुर्गा पर दोहा ~ १ ~मात…

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दिनकर जी पर दोहे – बाबूलाल शर्मा

दिनकर जी पर दोहे – बाबूलाल शर्मा दिनकर दिनकर से हुए,हिन्दी हिन्द प्रकाश।तेज सूर जैसा रहा, तुलसी सा आभास।।.जन्म सिमरिया में लिये, सबसे बड़े प्रदेश।सूरज सम फैला किरण, छाए भारत देश।। भूषण सा साहित्य ध्रुव, प्रेमचंद्र सा धीर।आजादी के हित…

नारी की सुन्दरता पर कविता – बाबूलाल शर्मा

नारी की सुन्दरता पर कविता नीति नियामक हाय विधायक,भाग्य कठोर लिखे हित नारी।सत्य सदा दिन रात करे श्रम,वारि भरे घट ले पनिहारी।पंथ चले पद त्राण नहीं पग,कंटक कष्ट हुई पथ हारी।‘विज्ञ’ निहार अचंभित मानस,सुंदर नारि कि सुंदर सारी।. ….👀🌹👀….केश खुले…

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भारत के राज्यों नाम को याद करने के लिए दोहा सूत्र

भारत के राज्यों नाम को याद करने के लिए दोहा सूत्र भारत के राज्यों पर दोहा उप अपंगु आजहि उमे, अत्रि झाक सिउ राम।गोमि बिमत ‘छग’ के हते, ‘विज्ञ प्रांत के’ नाम।। 🌞 उ – उत्तर प्रदेश 🌞 गो –…

मन हो रहा हताश – बाबूलाल शर्मा

मन हो रहा हताश . ✨✨१✨✨हम ही दुश्मन मीत, अपनी भाषा के बने।बस बड़ बोले गीत, सोच फिरंगी मन वही।।. ✨✨२✨✨बदलें फिर संसार, निज की सोच सुधार लें।दें शिशु हित संस्कार,अंग्रेजी की कार तज।। . ✨✨३✨✨चलें धरातल जान, उड़ना छोड़ें…

गणेश- मनहरण घनाक्षरी

गणेश- मनहरण घनाक्षरी ब्रह्म सृष्टिकार दैव,भूमि रचि हेतु जैव,मातृभूमि भार पूर्ण,धारे नाग शेष है। शीश काटे पुत्र का वे,क्रोध मिटे हुआ ज्ञान,हस्ति शीश रोपे शिव,दैवीय निवेश हैं। पार्वती सनेह जान,दिए शम्भु वरदान,पूज्य गेह गेह नेह,देवता गणेश हैं। विष्णु शम्भु देव…

हरतालिका पर कविता

हरतालिका वर्षा में मन भावन,माह भाद्रपद पावन,उमा सा सुहाग संग,चाहे तिय बालिका। तृतीया शुक्ल पक्ष में,नक्षत्र हस्त कक्ष में,पूजे सबलाएँ सत्य,पार्वती प्रणपालिका। धारती कठोर प्रण,निर्जला चखे न तृण,पूर्ण दिन रात व्रती,तीज हरतालिका। नीलकण्ठ हैं अघोरी,उमा ही भवानी गौरी,धारती विविध रूप,दुष्ट…

प्रेम के गीत – बाबूलाल शर्मा विज्ञ

प्रेम के गीत – बाबूलाल शर्मा लिखे प्रेम के गीत सुहाने।रीति सनातन मीत निभाने।।‘विज्ञ’ बने मन मीत हमारे।प्रीति निभे सद्भभाव विचारे।।१ कर मात्रा का ज्ञान रचें कवि।‘विज्ञ’ सृजन करते देखे रवि।।हो स्थायी लय तान सुहानी।सम तुकांत लेते कवि ज्ञानी।। २…