
गोवर्धन कर धरते हो/ प्रवीण त्रिपाठी
गोवर्धन कर धरते हो/ प्रवीण त्रिपाठी नटवर नागर प्यारे कान्हा, गोवर्धन कर धरते हो।इंद्र देव का माधव मोहन, सर्व दर्प तुम हरते हो। ब्रज मंडल के सब नर-नारी, इंद्र पूजते सदियों से।लीलाधारी कृष्ण चन्द्र को, कभी न भाया अँखियों से।उनके…