धनतेरस पर कविता-सुकमोती चौहान रुची

धनतेरस पर कविता सजा धजा बाजार, चहल पहल मची भारीधनतेरस का वार,करें सब खरीद दारी।जगमग होती शाम,दीप दर दर है जलते।लिए पटाखे हाथ,सभी बच्चे खुश लगते।खुशियाँ भर लें जिंदगी,सबको है शुभकामना।रुचि अंतस का तम मिटे,जगे हृदय सद्भावना। ✍ सुकमोती चौहान “रुचि”

धनतेरस -रामनाथ साहू ” ननकी “

                * धनतेरस * धनतेरस पर कीजिए ,                   धन लक्ष्मी का मान ।पूजित हैं इस दिवस पर ,                     धन्वंतरि भगवान ।।धन्वंतरि भगवान ,         शल्य के जनक चिकित्सक ।महा … Read more

धनतेरस त्यौहार पर कविता-संतोष नेमा “संतोष”

धनतेरस त्यौहार पर कविता धन की वर्षा हो सदा,हो मन में उल्लास तन स्वथ्य हो आपका,खुशियों का हो वास जीवन में लाये सदा,नित नव खुशी अपारधनतेरस के पर्व पर,धन की हो बौछार सुख समृद्धि शांति मिले,फैले कारोबाररोशनी से रहे भरा,धनतेरस त्यौहार झालर दीप प्रज्ज्वलित,रोशन हैं घर द्वारपरिवार में सबके लिए,आये नए उपहार माटी के दीपक … Read more

दीप से दीप जले-श्याम कुँवर भारती

दीप से दीप जले  दिल से दिल मिले ,दीप से दीप जले |दिवाली मे हर मुख मुस्कान खिले |हर घर हो रोशनी से जगमग |घर गरीबो हो खुशिया दीप से दीप जले |मिट्टी घर ही नहीं झोपड़ी उजाला रहे |बच्चे जवान रहे मगन दीप से दीप जले |दुश्मनी दुर्दिन दुर्भिक्ष जल खाक हो |सुख शांति … Read more

मिट्टी के दीया पर कविता -कुमार जितेन्द्र

मिट्टी के दीया पर कविता एक दीया मिट्टी का जलाएँ l                                                               दूसरा दीया मन का जलाएँ ll अन्धकार से प्रकाशित करे l        … Read more