संविधान का सम्मान – अखिल खान

संविधान का सम्मान स्वतंत्रता के खातिर,कितने गंवाएं हैं प्राण,संविधान के लिए,वीरों ने दी है अपनी जान।अस्पृश्यता,दुर्व्यवहार में लिप्त था समाज,समाज में अत्याचारी-राक्षस,करते थे राज।दु:खियों,बेसहारों का होता था नित अपमान,प्यारे हिन्दवासी किजीए,संविधान का सम्मान। एक – रोटी के टुकड़े के लिए,तरसते थे जन, आजादी के लिए पुकारता,धरती और गगन। ज्ञान की रोशनी से दूर हुआ,जुल्म का … Read more

संविधान पर दोहे

doha sangrah

——संविधान—— सपने संत शहीद के,थे भारत के नाम।है उन स्वप्नों का सखे, संविधान परिणाम।। पुरखों ने निज अस्थियों,का कर डाला दाह।जिससे पीढ़ी को मिले, जगमग ज्योतित राह।। संविधान तो पुष्प है, बाग त्याग बलिदान।अगणित अँसुवन धार ने,सींची ये मुस्कान।। भीमराव अंबेडकर,थे नव भारत दूत।संविधान शिल्पी कुशल, सच्चे धरा सपूत।। लोकतंत्र संदर्भ में, संविधान का अर्थ।ऐसी … Read more

संविधान दिवस को समर्पित दोहे

doha sangrah

संविधान दिवस को समर्पित दोहे संविधान में लिख गए, तभी मिले अधिकार।बाबा साहब आप को, नमन करें शत बार।। संविधान ने ही दिया, मान और सम्मान।वरना तो हम थे सभी,खुशियों से अनजान।। संविधान से ही मिला, जीवन का अधिकार।वरना तो खाते रहे, वर्णाश्रम की मार।। छुआछूत भी कम हुआ, शुद्र हुए आजाद।जात-पात को खत्म कर,किए … Read more

संविधान शुभचिंतक सबका

संविधान शुभचिंतक सबका (आल्हा छंद) विश्लेषकजन का विश्लेषण, सुधीजनों का है उपहार।संविधान शुभचिंतक सबका, बांटे जो जग में अधिकार।। जन मानस सब विधि के सम्मुख, कहते होते एक समान।अपने मत का पथ चुन लें हम, शिक्षा का भी मुक्त विधान।।समता से अवसर हो हासिल, सबके सपने हों साकार।संविधान शुभचिंतक सबका, बांटे जो जग में अधिकार।। … Read more

मैं हूँ मोहब्बत – विनोद सिल्ला

मोहब्बत मुझेखूब दबाया गयासूलियों परलटकाया गयामेरा कत्ल भीकराया गयामुझे खूब रौंदा गयाखूब कुचला गयामैं बाजारों में निलाम हुईगली-गली बदनाम हुईतख्तो-ताज भीखतरा मानते रहेरस्मो-रिवाज मुझसेठानते रहेजबकि में एकपावन अहसास हूँहर दिल केआस-पास हूँबंदगी काहसीं प्रयास हूँमैं हूँ मोहब्बतजीवन का पहलूखास हूँ। –विनोद सिल्ला©