Author: कविता बहार

  • हिम्मत पर कविता (सरसी छन्द)

    हिम्मत पर कविता (सरसी छन्द)

    हिम्मत रखना निशदिन मानव,जाना प्रभुके पास।
    गर खोयेगा तू हिम्मत को,टूट जायगी आस।

    धीरज मन में धारण करना,पाना मंजिल खास।
    निश दिन हमको बढना होगा होना नहीं निराश।

    कठिन परिश्रम करना सबको,मुश्किल होय हजार।
    जबतक लक्ष्य न मिलता हमको,जीवन है निस्सार।

    जिस दिन तुमने हिम्मत खोई,होगा तू लाचार।
    भटक मरेगा इस जग प्यारे,जीवन है बेकार।

    हँसते हँसते आगे बढना, सभी निराशा त्याग।
    आखिर काम करेगी हिम्मत, जीवन हो अनुराग।

    मिले सफलता उसको भैया,जो ले हिम्मत काम।
    जग में होगा पूजित निशदिन,होगा उसका नाम।।

    मदन सिंह शेखावत ढोढसर

  • श्री विष्णु अवतार विश्व कर्मा पर हिंदी कविता

    श्री विष्णु अवतार विश्व कर्मा

    श्री विष्णु अवतार विश्व कर्मा पर हिंदी कविता

    सृष्टि रची है जिसने,
    किया स्वर्ण लंका का निर्माण
    देख महल लंका को,
    रावण को हुआ था अभिमान

    कर्म कार थे विश्वकर्मा
    साक्षात बिष्णु का अवतार।
    छन भर में सृष्टि रचना
    कर लेते‌ थे सू सुमार।।

    सत्रह सितम्बर प्रकट उत्सव
    विश्व विदित है त्योहार।
    जन्मदिन है आपका
    हस्तकला दीजिए भगवान।

    कृपा दृष्टि मिले यदि आपका
    कर सकूं कुछ काम।
    जो कुछ करेंगे,आप ही प्रभु
    धरती पर होगा मेरा नाम।।

    शरण विजय को राखिये
    शरण लीजिएगा आप।
    नजर लगी, हैं जहां जहां
    रचइता है केवल आप ।।

    नर नहीं आप नारायण है
    साक्षात बिष्णु अवतार।
    बस सहारा केंवल आप प्रभु
    सृष्टि किया है निर्माण।।

    डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग

  • कुछ दिन जीवन बाकी है – डॉ विजय कुमार कन्नौजे

    कुछ दिन जीवन बाकी है

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    न कर गुरूर इस जगत में
    न ही कोई ठौर ठिकाना है।
    आया है जो इस जहां पे
    निश्चय ही होना रवाना है।।

    बना हुआ है जो यह भ्रान्ति
    सारी दुनिया हमारा है।
    कान खोलकर सुन मुरख
    सबन का यहां से रवाना है।।

    न आयेगा कोई पास तुम्हारा
    न कोई तुझे बचायेगा।
    जब तक रहेगा इस दुनिया में
    हर कोई तुझे सतायेगा।।

    विजय हृदय तो समझ गया
    सब स्वारथ के साथी हैं।
    इस जीवन का क्या भरोसा
    दीया पे जलते एक बाती हैं।।

    राम नाम का कर भरोसा
    कृष सुदामा सा साथी हैं।
    एक भरोसा एक विश्वास
    कुछ दिन जीवन बाकी है।।

    डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग

  • सितारे पर कविता – माधुरी मोहिनी

    सितारे पर कविता –  माधुरी मोहिनी

    परियाँ नभ लोक धरा उतरी यह देख अचंभित है जन सारे।
    मुख ओज भरे चमके छड़ियाँ पर शोभित है मणि राज सितारे।।
    कहती सब पूरन कार्य पड़ा सुरधाम चलो शिव है बलिहारे।
    यह संगम का युग शेष अभी पुरुषार्थ करो चलना प्रभु द्वारे।।

    इस जीवन के अब हो तुम ही प्रिय संबल संभव प्राण पियारे।
    हम ढूँढ रहे कल थे जिनको अब ईश कृपा कर दीन्ह हमारे।।
    मति मोद भरा गति शुभ्र हुई अब और न चाह सिवाय तुम्हारे।
    सब माँग मिली दिल आज खिला पथ में चमके रवि चाँद सितारे।।

    तुम साथ रहो शिव साम्ब सदा मनमीत महा महिमा गुण प्यारे।
    प्रणशील रहूँ तुम रक्षक हो चमके तुमसे यह भाग्य सितारे।।
    दिलराज बने जब से अपने मणि नूर प्रभा दमके सुख सारे।
    तुम जीत लिए मन चित्त सभी सुख मान मिला जब से दिल हारे।।

    डॉ माधुरी डड़सेना मुदिता

  • बड़ी दौलत सेहत पर कविता

    सेहत सबसे बड़ी दौलत है

    बड़ी दौलत सेहत पर कविता

    ज़िंदगी को जियो, बड़े इत्मीनान से,
    कटेगी ज़िंदगी, बड़े शान से!
    हर पल,हर घड़ी, बिना किसी तनाव से,
    खुशी में, करो काम, बड़े चाव से!
    अकेलापन महसूस होता है जब,
    करना चाहिए कोई काम तब,
    व्यस्तता रहेगी तो, समय का क्या?
    पता नहीं चलेगा, वक्त गुजरा कब!
    धन दौलत का नशा, कभी उतरता नहीं,
    आदमी को चाहिए, जब तक मरता नहीं!
    ईमान, सच्चाई से, मिलती बरकत है,
    बेईमान को भला, कौन करता इज्ज़त है?

    बुर्जुगों ने सही कहा है, उनका यह मत है,
    दुनिया में सेहत, सबसे बड़ी दौलत है!
    रिश्वत, दलाली, चोरी चकारी जो करे,
    समाज उससे घृणा करे, पाप का घड़ा भरे!
    कमाई जैसी हो, मितव्ययता जरूरी है,
    निष्कलंक जीवन हो, भ्रष्टाचरण बुरी है!
    ईमानदारी में होती, बहुत बड़ी ताकत है,
    मित्रो! सेहत ही सबसे बड़ी दौलत है!


    पद्म मुख पंडा, वरिष्ठ नागरिक कवि लेखक एवम विचारक ग्राम महा पल्ली पोस्ट लोइंग
    जिला रायगढ़ छत्तीसगढ़