बाल मजदूरी निषेध पर कविताएँ
बाल मजदूरी निषेध पर कविताएँ: बाल-श्रम का मतलब यह है कि जिसमे कार्य करने वाला व्यक्ति कानून द्वारा निर्धारित आयु सीमा से छोटा होता है।
बाल मजदूरी निषेध पर कविताएँ: बाल-श्रम का मतलब यह है कि जिसमे कार्य करने वाला व्यक्ति कानून द्वारा निर्धारित आयु सीमा से छोटा होता है।
हर साल 12 जून को विश्व दिवस बाल श्रमिकों की दुर्दशा को उजागर करने और उनकी मदद के लिए किया जा सकता है, इसके लिए सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिक संगठनों, नागरिक समाज के साथ-साथ दुनिया भर के लाखों लोगों को एक साथ लाता है। बाल मजदूर पर कविता (लावणी छंद मुक्तक) राज, समाज, परायों अपनों, के … Read more
मजदूरों के नाम समर्पित यह दिन 1 मई है। मजदूर दिवस को लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे के नाम से भी जाना जाता है। श्रमिकों के सम्मान के साथ ही मजदूरों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के उद्देश्य से भी इस दिन को मनाते हैं, ताकि मजदूरों की स्थिति समाज में मजबूत हो … Read more
महान जननायक / अकिल खान 14 अप्रैल सन1891में जन्म लिए,जननायक.नाम था भीमराव,कर्म से कह लाए महानायक।बचपन में,विद्यालय के बाहर अर्जित किए ज्ञान, मजलूमो का जब विलुप्त हो चुका था,पहचान। बालपन से मन में यह महान कार्य,ठान लिए,समाज सुधार कार्य को,अपने संज्ञान में लिए। न पूछो कैसे थे दिन? कैसी थी उनकी कहानी, भेदभाव के चलते,मुश्किल … Read more
13 अप्रैल जलियांवाला बाग नरसंहार दिवस पर हिंदी कविता यहाँ कोकिला नहीं, काग हैं, शोर मचाते,काले काले कीट, भ्रमर का भ्रम उपजाते। कलियाँ भी अधखिली, मिली हैं कंटक-कुल से,वे पौधे, व पुष्प शुष्क हैं अथवा झुलसे। परिमल-हीन पराग दाग सा बना पड़ा है,हा! यह प्यारा बाग खून से सना पड़ा है। ओ, प्रिय ऋतुराज! किन्तु … Read more