
माता मेरी भाग्य विधाता
दिनांक 08/05/21
मातृ दिवस पर विशेष
*विधा - चौपाई*
*विषय - माता*
*प्रसव वेदना सहकर माता*
दिनांक 08/05/21
मातृ दिवस पर विशेष
*विधा - चौपाई*
*विषय - माता*
*प्रसव वेदना सहकर माता*
कोविड से त्रस्त भू चित्रण
यह रचना उल्लाला छंद है जो अंतः प्रेरणा से संबंधित है।
कवयित्री पद्मा साहू "पर्वणी"
खैरागढ़ छत्तीसगढ़
"भाभभगा" जब वर्ण सजे।
'सारवती' तब छंद लजे।।
अवतार नाथ अब धारो।
तुम भूमि-भार सब हारो।।
हम विकास के पथ-अनुगामी।
सघन राष्ट्र के नित हित-कामी।।
प्रेरणा से
वन्दनवार:भारतीय के शत्रु हैं भारतीय ही आज =================गुरु की आज्ञा मानकर, केरल की छवि देख। रहने वालों पर लिखे, सबने सुन्दर लेख। १।सबके लेखों में मिले, जीवन सुखमय गान। शंकर के इस लेख को, मिली अलग पहचान।२। भारतीय हैं मानते,…
होली पर दोहे
फागुन मास पर कविता