Category विविध छंदबद्ध काव्य

राष्ट्रवाद पर कविता

राष्ट्रवाद पर कविता बाँध पाया कौन अब तक सिंधु के उद्गार को।अब न बैरी सह सकेगा सैन्य शक्ति प्रहार को।1तोड़ डालें सर्व बंधन जब करे गुस्ताखियाँ।झेल पायेगा पड़ोसी शूरता के ज्वार को।2कांपता अंतःकरण से यद्यपि बघारे शेखियाँ।छोड़ रण को भागने…

बुढ़ापे से लाभ

बुढ़ापे से लाभ जब मिले बुढ़ापा , खो मत आपा ,ईश्वर  को  धन्यवाद  दे ।उसकी है  करुणा , आया पहुना ,            प्रसन्नता  का  प्रसाद  दे ।।सूक्ष्म  है   संदेश ,  श्वेत  ये  केश ,             पवित्रता  का  पालन  हो ।इंद्रिय शिथिल हो, मन  सविकल…

doha sangrah

नैन पर दोहे

  नैन पर दोहे दुनिया    के   सबसे   बड़े, , जादूगर  ये  नैन।इनके बिन मिलता कहाँ ,भला किसी को चैन?कमल-नयन   श्रीराम  हैं , त्रिलोचन  महादेव।सृजन  प्रलय  के  हेतु   हैं  ,ये  देवों  के  देव।नयन   समंदर   झील हैं   ,नैन  तीर  तलवार।नैन   जिसे  ले  …

हिम्मत न हार

हिम्मत न हार आज  नहीं  तो  ये  कल  होगा ।प्रश्न  यहीं  का   है  हल  होगा ।।जीवन  जीये  जा   मत   रोना ।यार   हताशा   में  मत   होना ।।मान   पहेली   तू   लग   पीछे ।हिम्मत  को बांधो  कस भींचे ।।जीत  चलो  बाजी  उलझा  है…

बैताली छंद के कविता

बैताली छंद के कविता      काम  क्रोध ,  लोभ  छोड़  दे ।राम   संग ,  प्रीत   जोड़   दे ।।एक   राम ,   सत्य   है   यहाँ ।हो   अचेत , सो  रहा   कहाँ ।। स्वार्थ   हेतु ,   प्रीत  को  रचे ।खो  प्रपंच , ग्यान   से  …

doha sangrah

द्रोपदी चीर प्रसंग पर दोहे/ पुष्पा शर्मा”कुसुम”

द्रोपदी चीर प्रसंग पर दोहे पासे फेंके कपट केशकुनि रहा हर्षायदाव द्रोपदी लग गईरहे पाण्डव शर्माय सभा मध्य में द्रोपदीकरती करुण पुकारचीर दुशासन खींचतानहीं बचावन हार भीष्म बली कुरुराज ने  साध लिया है मौनपांचों पति बोले नहींबचा सके अब कौन…

shri Krishna

श्रीकृष्ण पर दोहे

श्रीकृष्ण पर दोहे सुभग सलोने सांवरेनटवर दीन दयालनिरख मनोहर श्याम छविनैना हुए निहाल छवि मोहन की माधुरीनैना लीन्ह बसायजित देखों वो ही दिखेऔर ना कछु लखाय गावत गुण गोपाल केदही मथानी हाथब्रज जीवन निर्भय भयोश्याम तुम्हारे साथ पुष्पा शर्मा “कुसुम”…

doha sangrah

अविनाश तिवारी के दोहे

अविनाश तिवारी के दोहे घड़ी घड़ी घड़ी का फेर है,    मन में राखो धीर।राजा रंक बन जात है,   बदल जात तकदीर।। प्रेम प्रेम न सौदा मानिये,    आतम  सुने पुकार।हरि मिलत हैं प्रीत भजेमति समझो व्यापार।। दान देवन तो करतार है, …

वीर को नमन कर-हरिहरण घनाक्षरी

23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है और भारत में मनाया जाता है। इस दिन 1931 को तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी दी थी। महात्मा गांधी की स्मृति में। 30 जनवरी 1948…