Category विविध छंदबद्ध काव्य

संविधान शुभचिंतक सबका

संविधान शुभचिंतक सबका (आल्हा छंद) विश्लेषकजन का विश्लेषण, सुधीजनों का है उपहार।संविधान शुभचिंतक सबका, बांटे जो जग में अधिकार।। जन मानस सब विधि के सम्मुख, कहते होते एक समान।अपने मत का पथ चुन लें हम, शिक्षा का भी मुक्त विधान।।समता…

doha sangrah

शुभ्र शरद पूर्णिमा – बाबूलाल शर्मा

शुभ्र शरद पूर्णिमा – बाबूलाल शर्मा शुभ्र शरद शुभ पूर्णिमा, लिए शीत संकेत।कर सोलह शृंगार दे, चंद्र प्रभा घर खेत।। दक्षिण पथ रवि रथ चले, शरद पूर्णिमा देख।कृषक फसल के बीज ले, हल से लिखे सुलेख। श्वाँस कास उपचार हित,…

mahatma gandhi

दोहा मुक्तक-बापू पर कविता

दोहा मुक्तक-बापू पर कविता सदी वही उन्नीसवीं, उनहत्तर वीं साल।जन्मे मोहन दास जी, कर्म चंद के लाल।बढ़े पले गुजरात में, पढ़ लिख हुए जवान।अरु पत्नी कस्तूरबा, जीवन संगी ढाल। भारत ने जब ली पहन, गुलामियत जंजीर।थी अंग्रेज़ी क्रूरता, मरे वतन…

अब तो मन का रावण मारें

किसी भी राष्ट्र के सर्वतोमुखी विकास के लिए विद्या और शक्ति दोनों देवियों की आराधना और उपासना आवश्यक है। जिस प्रकार विद्या की देवी सरस्वती है, उसी प्रकार शक्ति की देवी दुर्गा है। विजया दशमी दुर्गा देवी की आराधना का…

doha sangrah

विजय पर्व दशहरा

विजय पर्व दशहरा : किसी भी राष्ट्र के सर्वतोमुखी विकास के लिए विद्या और शक्ति दोनों देवियों की आराधना और उपासना आवश्यक है। जिस प्रकार विद्या की देवी सरस्वती है, उसी प्रकार शक्ति की देवी दुर्गा है। विजया दशमी दुर्गा…

राम-नाम विधा :- चौपाई

राम-नाम विधा :- चौपाई राम-नाम लगे सबको प्यारा |सबने ही तन-मन में धारा ||राम सभी के पूज्य कहावे |सच्चे मन से सब जन ध्यावे || सबको सद् का मार्ग दिखाते |बीच भँवर से पार लगाते ||प्रभु नाम की जपे जो…

मनहरण घनाक्षरी -दशहरा

किसी भी राष्ट्र के सर्वतोमुखी विकास के लिए विद्या और शक्ति दोनों देवियों की आराधना और उपासना आवश्यक है। जिस प्रकार विद्या की देवी सरस्वती है, उसी प्रकार शक्ति की देवी दुर्गा है। विजया दशमी दुर्गा देवी की आराधना का…

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नवदुर्गा पर दोहा – बाबूलाल शर्मा

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं। ]शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। नवदुर्गा पर दोहा ~ १ ~मात…

राष्ट्र भाषा पर छंद- बाबूराम सिंह

राष्ट्र भाषा पर छंद सुखद हिन्द महान बनाइए।मधुर बोल सदैव अपनाइए।प्रगति कारक भारत हो तभी।सरस काम करें अपना सभी। अजब ज्ञान भरें शुभदा लिए।सहज भावभरोस भव्य किए।गुण सभी इसमें जग आगरी।लखअमोलक है लिपि नागरी। महक मानवतामय है सिखो।मन लगाकर जागउठी…

doha sangrah

दिनकर जी पर दोहे – बाबूलाल शर्मा

दिनकर जी पर दोहे – बाबूलाल शर्मा दिनकर दिनकर से हुए,हिन्दी हिन्द प्रकाश।तेज सूर जैसा रहा, तुलसी सा आभास।।.जन्म सिमरिया में लिये, सबसे बड़े प्रदेश।सूरज सम फैला किरण, छाए भारत देश।। भूषण सा साहित्य ध्रुव, प्रेमचंद्र सा धीर।आजादी के हित…